May 1, 2025

योगी सरकार किसानों के आगे नतमस्तक हुई

योगी सरकार ने केंद्रीय मंत्री के बेटेे के खिलाफ एफआईआर लिखने को मजबूर होना पड़ा, कार्यवाही भी करने पड़ेगी
उत्तरप्रदेश भाजपा द्वारा जारी किसानों का बक्कल उतार लेने वाला कार्टून भी योगी सरकार की किरकिरी करा रहा है

किसान आंदोलन को दिल्ली से लखनऊ स्थानांतरण करने के मामले पर उत्तरप्रदेश भाजपा ने एक कार्टून जारी किया था कि लखनऊ में योगी किसानों का बक्कल निकला लेगा। लखीमपुर खीरी की घटना में किसानों की हर शर्त योगी सरकार ने मान कर अपनी कमजोरी का ही परिचय दिया है वह किसानों के आगे पूरी तरह से नतमस्तक हो चुकी है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा कार्यकर्ता योगी सरकार को एक मजबूत सरकार के तौर पर पेश करने की हर संभव कोशिश करने के साथ ही किसानों को यह संदेश देना चाहते थे कि उत्तरप्रदेश में उनकी दाल नही गलने वाली है लेकिन जिस तरह से लखीमपुर खीरी की घटना के बाद पहली ही बैठक में किसान और सरकार के बीच समझौता होना इस बात का प्रमाण है कि योगी सरकार किसान मामले पर पूरी तरह से बैकफूट में आ गयी है, किसान आंदोलन के कारण पहले ही योगी सरकार परेशान थी लेकिन इस घटना ने पूरी तरह से योगी सरकार को झूकने पर मजबूर कर दिया। किसानों की मांग पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही इस पूरे मामले की हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश से जांच कराने के अलावा सात दिनों में गिरफ्तारी का वादा भी किया जाना स्पष्ट संकेत है कि योगी सरकार लखीमपुर खीरी घटना के बाद किसान आंदोलन के सामने पूरी तरह से नतमस्तक हो गयी है। मोदी सरकार जरूर 11 महीनों से कृषि बिल के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को गंभीरता से नही ले रही है परंतु योगी सरकार ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किसान आंदोलन को पूरी गंभीरता से लेने मेें देरी नही की, जिस क्षेत्र में यह हादसा हुआ है वहां पर पिछले चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया था इसलिए आगामी चुनाव में किसानों और जनता नाराजगी को कम करने के लिए योगी सरकार ने किसानों को सामने झुकना ही उचित समझा। आज के हालात में उत्तरप्रदेश भाजपा के द्वारा जारी कार्टृन योगी सरकार की किरकिरी करा रही है, कि एक ताकतवर मुख्यमंत्री कैसे किसान आंदोलन के सामने झूक गया , और उनकी हर मांगों को मानने को मजबूर है यहां तक कि केंद्रीय गृहराज्य मेंत्री के बेटे के खिलाफ स्वतंत्र भारत में पहली बार एफआईआर तक दर्ज कराने को तैयार होना पड़ा।

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