आरोपी आशीष मिश्रा के परिवार पर योगी सरकार मेहरबान है, विकास दुबे के परिवार पर योगी सरकार की ढेड़ी नजर है
यूपी में डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी गैंगस्टर विकास दुबे और केंद्रीय राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा को लेकर कार्यवाही में अंतर सवालों के घेरे में है। विकास दुबे पर पुलिस की हत्या का आरोप था, जिसकी गाड़ी पलट जाने के बाद हुए एनकॉन्टर में मौत भी हो गयी इसके बाद भी उसके परिवार को दो साल बाद भी डेथ सर्टिफिकेट के लिए भटकना पड़ रहा है। इस घटना के चलते दुबे के परिवार वालों को अनेेकों परेशानियों से जुझना पड़ रहा है। वही आशीष मिश्रा ने सुनियोजित तरीके से किसानों को गाड़ी से कुचलने के बाद भी योगी सरकार या मोदी सरकार ने उनके पिता अजय मिश्रा से इस्तीफा लेनेे तक का साहस नही दिखाया है। यहां तक की नामजर्द एफआईआर दर्ज करने में ही हफ्तों लगा दिये।
आशीष मिश्रा के मामले पर मोदी सरकार के नेताओं को कहना है कि गलत काम बेटे ने किया है तो पिता अजय मिश्रा क्यो मंत्री पद से इस्तीफा दे, लेकिन यही नियम विकास दुबे व उनके परिवार वालों पर योगी सरकार लागू करती नही दिखाई दे रही है जिसकी वजह से दो साल बाद भी विकास दुबे का डेथ सर्टिफिकेट नही मिला है। योगी सरकार के द्वारा किये जा रहे शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए रिचा दुबे को सामने आना ही पड़ा। रिचा दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी से जूड़ा मामला होने के कारण कोई सुनवाई नही हो रही है। हम अस्पताल से लेकर पोस्टमार्डम हाऊस तक दर दर भटक रहे है। योगी सरकार जिस तरह विकास दुबे के गाड़ी पटलने की घटना को एक उपलब्धि के तौर पर पेश की थी क्या दो साल बाद भी डेथ सर्टिफिकेट को नही दे पाने की मामले को भी एक उपलब्धि की तरह पेश करेगी कि योगी सरकार गैंगस्टार का डेथ सर्टिफिकेट भी नही देती है।
महिला सशक्तिकरण की झलक रिचा दुबे में दिखी
विधानसभा चुनाव में किसान जहां भाजपा के लिए परेशानी का सबब बने हुए है वही दूसरी तरफ गैगस्टर विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे भी योगी सरकार की मुश्किलें बढ़ाने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि हमारा परिवार हर जगह भटक रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है। मुझे और मेरे परिवार को हर तरीके से तोड़ा जा रहा है, सीधे सीएम योगी ही मामले को पर्सनल लेकर हमें परेशान कर रहे है। किसी से पूछों तो कहते हेै कि ये मुख्यमंत्री योगी का मामला है, कोई सुनवाई नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि मेरे बुढ़े सास ससूर दर दर भटक रहे है, मेरे देवर के बच्चे पढ़ नही पा रहे है, हमारे पास कमाने खाने के लिए कुछ नहीं छोड़ा जा रहा है। हमारी जमीनों पर कब्जा हो रहा है। बीजेपी के लोग हमारी जमीनों और खेतों पर कब्जा कर रहे है। कोई शासन और प्रशासन नही सुन रहा है। हालत यह हैै कि हमारे खेतों में अनाज हो रहे हैं लेकिन बिक नही रहें है, क्योकि ये विकास दुबे के खेतों में हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी 13 बीघा जमीन पर कब्जा हुआ था जिस पुलिस नये यह जमीन वापस दिलाई उनके खिलाफ जांच बैठ गई है।
रिचा दुबे का बयान स्पष्ट करता है कि ब्राम्हणों के मामले पर भी भाजपा दोहरा मापदंड अपना रही है। विकास दुबे के अपराधों से उनके परिवार का कोई लेना देना नही है लेकिन पूरा परिवार को प्रताडि़त किया जा रहा है। उनकी जायज मांगों का समर्थन करने वाले अधिकारियों पर भी कार्यवाही की जा रही है। वही लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने वाले केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को बचाने के साथ ही उनके पिता को केंद्रीय मंत्री बनाये रखने की भी हर संभव कोशिश की जा रही है।