May 2, 2025

योगी की मुश्किलें कम नही हो रही

रेलवे भर्ती परीक्षा ने भाजपा के रणनीति में सेंधमारी की

विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच बिहार और यूपी के प्रयागराज में पुलिस द्वारा रेलवे भर्ती परीक्षा में हुई कथित अनियमितता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस की कार्यवाही योगी सरकार की लिए नयी परेशानी पैदा कर सकती है। पहले ही योगी सरकार किसान आंदोलन के चलते जाट समुदाय की नाराजगी दूर नही कर पायी है। राज्य में बेरोजगारी बड़ी समस्या है ऐसे हालातों में रिजल्ट में अनियमितता स्पष्ट करता है कि वर्तमान मोदी सरकार बेरोजगारों को लेकर गंभीर नही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव इस विवाद का जांच समिति बना कर निराकरण करने की कोशिश कर रहे है ताकि इस विवाद का नुक्सान विधानसभा चुनाव में ना हो, लेकिन छात्रों की नाराजगी इसके बाद भी खत्म होती दिखाई नही दे रही है।यूपी चुनाव की घोषणा के बाद जिस तरह से योगी सरकार के मंत्री व नेताओं ने भाजपा छोड़ी, उससे मोदी सरकार के साथ ही साथ ही योगी सरकार की मुश्किलों में इजाफा किया। इसका विस्तार रेलवे भर्ती परीक्षा में हुई कथित अनियमितता ने भी किया है। उत्तरप्रदेश के प्रयागराज स्टेशन में छात्रों के रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन करने से कुछ समय से रेल आवागमन बाधित हुए। पुलिस अधिकारियों ने रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को हटाने की कोशिश की, लेकिन छात्रों के नही हटने से पुलिस द्वारा लाठीजार्च करने पर प्रदर्शनकारी छात्र आसपास के हॉस्टलों और घरों में छुप गए, पुलिस ने छात्रों को हास्टल पर छापा मार कर प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। जिससे तनाव की स्थिति बन गयी है। इस मामले पर करीब एक हजार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया साथ ही लाठीचार्ज करने वाले 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।

मोदी सरकार का भरोसा कम हो रहा है

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार इस मामले का पटाक्षेप करने के लिए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आपकी शिकायतें और बिंदु अब तक उभर कर आए हैे उन सबकों हम गंभीरता से देखेंगे, कोई भी छात्र कानून को हाथ में ना लें। रेल मंत्री ने छात्रों से अपील की कि छात्र 16 फरवरी तक समिति के अध्यक्ष के समझ अपनी शिकायतें प्रस्तुत कर सकते हैं, समिति शिकायतों की जॉच करेगी और चार मार्च से पहले अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेंगी। लेकिन रेल मंत्री के आश्वासन के बाद भी छात्रों की नाराजगी खत्म नही हुई है। जो बताता है कि मोदी सरकार से जनता का भरोसा कम होता जा रहा है। रेलमंत्री के घोषणा के बाद भी छात्रों में उम्मीद का संचार नही हो सका है।

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