समीर वानखेड़े पर मंत्री नवाब मलिक का हमला जारी है
सचिन वानखेड़े का परिवार भाजपा नेता किरीट सोमैया से मिला
एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े को हीरो से विलन का सफल में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक का अहम रोल है, अब उन्हें बॉलीवुड नेेता शत्रुघन सिन्हा का भी समर्थन मिलना बताता है कि उनके द्वारा लगाये गये आरोप लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहे है। बॉलीवुड में ड्रग्स कारोबार को लेकर पूर्व में रिया चक्रवती को एनसीबी ने निशाना बनाय इस बाद, इस बार क्रूज में ड्रग्स मामले पर शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान को निशाना बनाया गया। लेकिन यह मामला अब समीर वानखेड़े के लिए गले में हड्डी की तरह फंस जायेगा जिसे वह अब ना निगल पा रहे है और ना ही उगल पा रहे है। यह मामला धीरे धीरे अबविपक्ष व भाजपा के बीच भी तब्दिल होता दिखाई दे रहा है क्योकि समीर वानखेड़े का परिवार भाजपा नेता किरीट सोमैया से भी मिला। जिस पर नवाब मलिक ने तंज कसते हुए कहा कि बोतल से बाहर जिन्न आ रहा है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद लगातार सवाल उठते रहे, जिसकी वजह से ड्रग्स पकडऩे के मामले पर हीरों बने समीर वानखेड़े विलन साबित हो रहे है। मलिक ने समीर वानखेड़े को मुस्लिम बताते हुए आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र से नौकरी मिली है। इसके बाद से यह मामला पूरी तरह से उल्टा पड़ गया है, इसे प्रमाणित करने के लिए समीर वानखेड़े का जन्म प्रमाण पत्र के साथ ही निकाहनामा को भी सार्वजनिक किया। इसके पूर्व नवाब मलिक ने पैसों के लेनदेन का भी आरोप लगा चुके है। मंत्री के आरोपों के आधार पर समीर वानखेड़े के खिलाफ जांच भी शुरू करने का आदेश जारी कर दिया गया है, वही दूसरी तरफ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने महाराष्ट्र के मुूख्य सचिव, डीजीपी और मुंबई पुलिस आयुक्त को वानखेड़े की शिकायत पर एक्शन टोकन रिपोर्ट देने को कहा है। जो बताता है कि समीर वानखेड़े पर कसते शिंकजा को देखते हुए केंद्र सरकार भी हरकत में आ गयी है।
काशिफ खान को क्या एनसीबी ने गिरफ्तार नही किया
आर्यन खान के मामले पर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने एक बार फिर एनसीबी की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए कहा कि एनसीबी की रेड के दौरान मुंबई क्रूज ड्रग्स पार्टी में एक जो दाढ़ी वाला शामिल था वो असल में फैशन टीवी का हेड काशिफ खान है। उन्होंने कहा कि काशिफ खान एक ड्रग्स माफिया है और वो समीर वानखेड़े का दोस्त है और यह देश भर में ड्रंग और सैक्स का रैकेट चलाता है। उन्होंने बताया कि मुंबई से गोवा जा रहे क्रूज में कई पार्टी चल रही थी जिसमें एक का आयोजक काशिफ खान था। काशिफ खान इसी तरह की इवेंट होस्ट करके ड्रंग का धंधा करता है। उन्होनें समीर वानखेड़े पर काशिफ खान केा बचाने का भी आरोप लगाते हुए कहा आर्यन खान की गिरफ्तारी में एनसीबी के गवाह किरण गोवासी की भाजपा नेताओं के साथ साझेदारी है।
जांच की मांग शत्रुघन सिन्हा ने भी की
एनसीपी नेता नवाब मलिक के काशिफ खान के समीर वानखेड़े के दोस्त बनाये जाने पर समीर वानखेड़े ने किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया, उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि नवाब मलिक के आरोप झूठे है, और वह कानूनी कार्रवाही करेंगे। इस मामले पर भाजपा छोड़ चुके अभिनेता शत्रुघन सिन्हा ने नवाब मलिक के आरोपों पर कहा कि इसमें और भी बड़े लोगों का योगदान है, उन्होंने इसकी जांच की मांग करते हुए कहा कि केवल आरोपों से काम नही चलेगा नवाब अली के दामाद को 8 महीने तक जेल में बिताने पड़े थे वह लॉजिक के साथ बात कर रहे है। क्रूज ड्रग्स मामले पर आर्यन खान को जमानत मिलने के बाद भी इस मामले पर जिस तरह से एनसीपी नेता नवाब मलिक और सचिन वानखेड़े आमने सामने है उसे देखकर कहा जा सकता है कि पिक्चर अभी बाकी है, क्योकि समय के साथ इस पूरे मामले पर राजनीति भी घूस गयी है। सवाल यह है कि क्या इस मामले की सत्यता देश की जनता के सामने आयेगा या सिर्फ राजनीति हितों का ध्यान रखते हुए इस मामले पर भी समय की इतनी मोटी परत चढ़ जायेगी कि लोग भूल जायेगा और जब कभी बॉलीवुड में कोई और अभिनेता या उसका परिवार वाला पकड़ायेगा तो फिर से सवाल उठने लगेगें।
महानायक मौन है
पेट्रेाल डीजल की वृद्धि पर जिस तरह से महानाक अमिताभ बच्चन मौन साधे हुए है उसी तरह ही आर्यन खान के मामले पर भी चुप्पी साधे हुए है जेैसे उनका कोई लेना देना ही नही है। अक्षय कुमार व अनुपम खेर का भी बॉलीवुड से गहरा नाता होने के बाद भी इस मामले पर वह बोलने से बचते दिखाई दे रहे है। सवाल यह है कि मोदी सरकार आने के बाद अहम मुदृदे पर भी वह बोलने से क्यो परहेज करते है जबकि मनमोहन सरकार में हर मुद्दे पर अपनी बात बेबाकी से रखते दिखाई देते है। क्या यह माना जाये कि मोदी सरकार में इन लोगों को बोलने की आजादी को खत्म कर दिया गया है। या फिर यह मौन साध कर भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बना रहे है। यह ऐसा सवाल है जोू देश की जनता जानना चाहती है लेकिन चुप्पी के चलते इन सवालों का जवाब नही मिल पा रहा है।