May 1, 2025

विकास, भूजल को बना रहा जहरीला

हवा व जल की गुणवक्ता को बेहत्तर बनाना कब विकास माना जायेगा भारत में?

जल ही जीवन का नारा देने वाली सरकारों में पानी की गुणवक्ता लगातार खराब होना यही संदेश देता हेै कि यह नारा सिर्फ जनता को बेवकूफ बनाने तक सीमित है, सरकारें जीवन के लिए सर्वाधिक जरूरी हवा व पानी की गुणवक्ता बढ़ाने को लिए चिंतित नही है। ऐसे हालातों में मोदी सरकार के स्वस्थ भारत अभियान कैेसे कामयाब हो पायेगा ? क्योकि जिस तेजी से विकास हो रहा है उसी तेजी से भूजल में जहरीले एलीमेंट का विकास हो रहा है।

जल ही जीवन है का नारा जनता को बेवकूफ बनाने के लिए है

भाजपा ने विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस विकास में जीवन के लिए सबसे जरूरी हवा व पानी की गुणवक्ता का विकास करना नही शामिल था, जिसकी वजह से इनकी गुणवक्ता में लगातार कमी आ रही है। दुनिया में सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में भारत के कई शहर शामिल होना बताता है कि सरकार पर्यावरण के विकास को लेकर बिलकुल भी चिंतित नही है, जबकि प्रदूषित हवा से बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हो रही है। हवा की तरह ही भूजल भी प्रदूषित हो रहा है। राज्यसभा में केंद्र सरकार ने माना कि देश में पानी की गुणवक्ता खराब हो रही है, अब तक हम जो भी पानी पीते आ रहे है, वह जहरीला है। देश के लगभग सभी राज्यों के अधिकांश जिलों में ग्राउंडवॉर्टर में जरूरत से ज्यादा मात्रा में जहरीले एलिमेंट पाए गए हैं, जल शक्ति मंत्रालय के आंकडे के अनुसार देश की 80 फीसदी से ज्यादा आबादी को जमीन का पानी उपयोग करती है, ऐसे में भूजल में बढ़ते खतरनाक एलिमेंट्स पानी को जहरीला बना रहे है। भूजल जहरीला हो रहा है लेकिन इसके बाद भी सरकारें इसकी गुणवक्ता को सुधारने की जगह तथाकथित दूसरे विकास केा फोकस करेगी तो यही माना जा सकता है कि सरकारें देश व देश की जनता के साथ खिलवाड़ कर रही है। क्योकि शुद्ध जल के बगैर जीवन की कल्पना नही की जा सकती है।

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