ऋषि सुनक की हार में भाजपा रणनीति का है अहम योगदान
भाजपाईयों ने देश की जनता को यह समझाने का प्रयास किया कि विदेश मूल का प्रधानमंत्री नही बनना चाहिए, इस सबक का ब्रिटेन की जनता ने जमीनी स्तर पर अमल करते हुए भारतीय मूल के ऋषि सुनक की जगह लिज ट्रस को जीता कर भाजपा की नीति पर मूहर लगा दी। भाजपा की नीतियों का दुनिया के दूसरे देशों में अमल किये जाने पर भाजपाईयों को खुश होना चाहिए कि भाजपा की रणनीति को दुनिया में मान्यता मिलने लगी है।
भाजपा की रणनीति का विस्तार हुआ तो भारतीय मूल के लोग राजनीति के उच्च पदों तक नही पहुंच पायेगें?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल भारतीय मूल के ऋषि सुनक को लेकर देश में बहुत चर्चा हो रही थी, लेकिन देश में विदेश मूल के प्रधानमंत्री बनाये जाने को लेकर भाजपा द्वारा जम कर विरोध किया जा चुका है, इसलिए यह सवाल तो बना हुआ था कि क्या ब्रिटेन की जनता भारतीय मूल के ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री के लिए चुनेगी ? जिस देश में ब्रिटेन ने तीन सौ साल तक शासन किया था। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा की नीतियों पर चलते ही संभवत: ब्रिटेन की जनता ने भी विदेश मूल के प्रधानमंत्री खारिज करते हुए लिज ट्रस को प्रधानमंत्री के लिए चुन कर भाजपा के साथ ही भारतवासी को संदेश दिया कि भाजपा की विदेश मूल के प्रधानमंत्री नही बनाये जाने की रणनीति पूरी तरह से सही है। आने वाले समय में भाजपा की इस रणनीति का विस्तार दुनिया के अन्य देशों में भी होगा, जिसके चलते आने वाले समय में भारतीय मूल के लोग दुनिया के किसी भी हिस्से में राजनीति के उच्च पदों तक नही पहुंच पाये तो कोई आश्चर्य कि बात नही है, क्योकि भाजपा ने देश की जनता को यह समझाने में समझ रही है कि विदेशी मूल का प्रधानमंत्री बन गया तो देश असुरक्षित हो जायेगा क्योकि गोपनीया जानकारी वह विदेशों को बेच सकता हैे। भारतीय मूल के ऋषि सुनक प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल हो गये यह एक उपलब्धि से कम नही है लेकिन भाजपा ने देश की जनता को इतना जागरूक कर दिया है कि विदेश मूल का व्यक्ति प्रधानमंत्री की दौड़ में भी शामिल नही हो सकता है तो बनने की बात ही बेमानी है।