मजबूत सरकार क्या महाभ्रष्ट व्यवस्था पर मजबूत कार्रवाही करेगी?
यूपी विधानसभा के दौरान ही भाजपा सांसद वरूण गांधी ने बैंक धोखाधडी मामले पर मोदी सरकार खिलाफ मोर्चा खोलते हुए लिखा कि विजय माल्या, 9000 करोड़, नीरव मोदी 14000 करोड़, ऋषि अगवाल 23000 करोड़ , आज जब कर्ज के बोझ तले दबकर देश में रोज लगभग 14 लोग आत्महत्या कर रहे है, तब ऐसे धन पशुओं का जीवन वैभव के चरम पर है। एक महाभ्रष्ट व्यवस्था पर एक मजबूत सरकार से मजबूत कार्रवाही की अपेक्षा की जाती है। गौरतलब है कि गुजरात कंपनी एबीजी शिपयार्ड द्वारा 23000 करोड़ रूपये की धोखाधड़ी के मामले पर अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ भी नही कहा है।
पीलीभीत के भाजपा सांसद ही मोदी सरकार को किसान आंदोलन के साथ ही अन्य मुद्दों पर घेरते रहे है जिससे कही ना कही मोदी सरकार के साथ ही योगी सरकार की इमेज भी प्रभावित हो रही थी। गुजरात की कंपनी एबीजी शिपयार्ड द्वारा देश के सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी के सामने आने के बाद एक बार फिर वरूण गांधी ने मोदी सरकार को घेरा है। उन्होंने मजबूत सरकार से महाभ्रष्ट व्यवस्था पर एक मजबूत कार्यवाही की मांज जरूर की है लेकिन मोदी सरकार उनकी मांग पर ध्यान देगी इसकी उम्मीद नही है, क्योकि गन्रा का दाम साढ़े तीन सौ से चार सौ रूपये प्रति क्विंटल किये जाने की मांग को योगी सरकार पूर्व में खारिज कर चुकी है। भाजपा जिस कांग्रेस के भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर सत्ता तक पहुंची अब बांजी पूरी तरह से पटल गयी है, कांग्रेस अब मोदी सरकार पर राफेल खरीदी के बाद बैंक धोखाधड़ी का आरोप मोदी सरकार पर लगा रही है। क्योकि मोदी सरकार में बैंक धोखाधड़ी के कई बड़े मामले सार्वजनिक होना स्पष्ट करता है कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम नही लगा पायी है, या कहें पूर्व सरकारों की तुलना में बैंक धोखाधड़ी में इजाफा ही हुआ है मोदी सरकार में। एक तरफ किसान या आम जनता कर्ज नही जमा कर पाने के कारण आत्महत्या करने को मजबूर है वही दूसरी तरफ गुजरात से जूड़े लोग करोड़ों का गोलमाल मोदी सरकार में करने में कामयाब हो रहे है। मोदी सरकार में व्यवस्था में कसावट आयी है तो फिर इतने बड़े बड़े गोलमाल कैसे हो रहे है? यह ऐसा सवाल है जो आम जनता के समझ में नही आ रहा है।