May 1, 2025

विकास नही, जोड़ तोड़ से सत्ता मिलती है

गृहमंत्री अमित शाह ने जयंत चौधरी को भाजपा गठबंधन में शामिल करने की अपील कर चुनाव पूर्व तोड़ फोड़ की राजनीति शुरू की

किसानों का गुस्सा शांत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधान सभा चुनाव के पूर्व कृषि बिल वापस लेकर किसानों की नाराजगी शांत करने की कोशिश की थी, लेकिन जाट नेताओं से गृहमंत्री अमित शाह की मुलाकात के साथ ही आरएलडी चीफ जयंत चौधरी को भाजपा गठबंधन में शामिल होने का न्यौता देते हुए यह कहना कि वह गलत घर चुन लिया है। जो साफ राजनीतिक संदेश दे रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के जाट वोटों पर सपा नहीं RLD सेंधमारी कर रही है।इस सेंधमारी पर लगाम लगाने के लिए आर एल डी को अपने पाले में लाने  की कोशिश की जा रही है।  यह घटना बताती है कि चुनाव विकास से नहीं राजनीतिक समीकरणों से जीते जाते हैं।
उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड में राजनीतिक पारा लगातार उपर जा रहा है, इसी कड़ी में गृहमंत्री अमित शाह ने जाट नेताओं से मुलाकात कर उन्हें भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए की अपील की। जाट नेताओं के दो प्रमुख मुद्दे, गन्ने का भुगतान 14 दिनों में और जाट आरक्षण देने की मांग रखी । जिस पर अमित शाह ने कोई स्पष्ट उत्तर देने की जगह कहा कि उनका जाटों से विशेष लगाव है, और उनकी मांगे उनके दिल में रहा है, विधान सभा चुनाव के बाद वह इस पर काम करेगें, लेकिन उन्होंने जाट नेताओं को यह नहीं बताया कि यूपी में डबल इंजन की सरकार होने के बाद उनकी इन मांगों को पांच साल तक नजर अंदाज किन कारणों से करना पड़ा ।

जयंत चौधरी ने भाजपा का प्रस्ताव ठुकराया

आर एल डी चीफ जयंत चौधरी ने गृहमंत्री अमित शाह के प्रस्ताव पर कहां कि न्यौता मुझे नहीं उन 700 से ज्यादा किसान परिवारों को दे, जिनके घर आप ने उजाड़ दिये है। विधान सभा चुनाव के बीच भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह की जयंत चौधरी को भाजपा गठबंधन में शामिल करने का प्रस्ताव इस बात का साफ संकेत है कि भाजपा कि हालत किसान आंदोलन के चलते खराब है, डबल इंजन सरकार में किये गये विकास से चुनाव नहीं जीता जा सकता है, जीतने के लिए राजनीतिक तोड़ फोड़ जरूरी है। जाटों की इस नाराजगी को खत्म करने के लिए अमित शाह को भावनात्मक अपील करनी पड़ी कि जाट समाज किसानों की सुनती है, जाट देश की सुरक्षा के बारे में सोचता है, और बीजेपी भी देश की सुरक्षा के बारे में सोचती है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि देश की सुरक्षा का हवाला देकर भाजपा नेता जनता की भावनाओं से खेलती है, प्रदेश का चुनाव में भी देश सुरक्षा का हवाला देती है।  मोदी सरकार में चीन लद्दाख के कई क्षेत्रों में कब्जा कर लिया है, और पीछे हटने को तैयार नहीं है, इसके बाद भी मोदी सरकार मौन साधे हुए हैं,। अरूणाचल प्रदेश में भी चीन मोदी सरकार के दौरान दो बार में लगभग 22 जगहों का नाम बदला देने के साथ ही भारतीय सीमा के अंदर इक्लेंव का निर्माण करने में सफल रहा, इसे बाद भी देश सुरक्षा का हवाला दिया जा रहा है। मोदी सरकार सिर्फ पाकिस्तान के मामले पर ही राजनीति करती है, जिससे धुर्वीकरण की राजनीति करने में आसानी होती है, देश सुरक्षा की इतनी ही चिंता होती तो चीन मामले पर भी पाकिस्तान की तरह आक्रमणता दिखाती।

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