आरएसएस ने हर घर तिरंगा अभियान में शामिल होकर देश को यह संदेश दिया कि तिरंगा की जगह कोई और नही ले सकता है
आजादी के अमृत महोत्सव के मोदी सरकार की हर घर तिरंगा योजना का हिस्सा आरएसएस के बन जाने से यह स्पष्ट हो गया कि राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा की जगह अब कोई और रंग का झंडा नही ले सकता है, क्योकि तिरंगें को लेकर आरएसएस द्वारा सवाल उठाये जाते रहे है, आरएसएस पर स्वतंत्रता के 52 सालों बाद तक राष्ट्रीय ध्वज नही फहराने का आरोप भी लगता रहा है, वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया की डीपी में तिरंगा लगाने की अपील करने के बाद भी आरएसएस ने अपने डीपी में तिरंगा नही लगाया जिससे एक बार फिर तिरंगा विवाद चर्चा का विषय बन गया था, लेकिन हर घर तिरंगा अभियान शुरूहोने से पहले आरएसएस ने अपनी डीपी में तिरंगा लगाने के साथ ही सभी लोगों से अपने घरो में तिरंगा झंडा लगाने की अपील करके तिरंगा विवाद का हमेशा के लिए पटाक्षेप कर दिया है।
आरएसएस के नेताओं ने अपनी डीपी में अंतत: तिरंगा लगाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डीपी में तिरंगा लगाने की अपील को आरएसएस ने उतनी गंभीरता से नही लिया जितनी गंभीरता से उत्तराखंड के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र भट्ट के इस कथन का लिया जिसमें उन्होंने कहा था कि जिसके घर में तिरंगा नही लगा होगा, हम उसे विश्वास की नजर से कभी देख नही पाएंगे, मुझे उस घर की फोटो चाहिए, जिस घर में तिरंगा ना लगा हो, इस बयान के कुछ ही घंटे बाद ही आरएसएस के नेताओं ने अपनी डीपी में तिरंगा लगाने के साथ ही हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने की अपील यह संदेश दे रहा है कि आरएसएस के नेता भी हर घर तिरंगा के तहत अपने घरों में तिरंगा फहरा कर देश की जनता को यह संदेश देने की सफल होगें कि तिरंगा की जगह कोई भी और रंग का झंडा नही ले सकता है। विपक्ष आरएसएस पर जरूर तिरंगा को लेकर सवाल उठाता रहा है लेकिन अमृत महोत्सव पर मोदी सरकार में के हर घर तिरंगा अभियान में शामिल होकर आरएसएस ने यह साफ कर दिया है कि तिरंगा विवाद का स्थाई रूप से पटाक्षेप हो गया है। आरएसएस के प्रचार विभाग के सह प्रभारी नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि संघ अपने सभी कार्यालयों में राष्ट्रध्वज फहराकर स्वतंत्रता दिवस मनाता आ रहा है, संघ ने अपने सोशल मीडिया खाते में अपनी प्रोफाइल तस्वीर पर अपने संगठन के झंडे को हटाकर राष्ट्रध्वज लगाने के साथ ही आरएसएस कार्यकर्ता हर घर तिरंगा मुहिम में सक्रिय रूप से भाग लेने की बात भी कही। संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा संघ के जनरल सेकेट्री दत्तात्रेय होसबोले के अलावा मनमोहन वैद्य और अरूण कुमार भी अपनी डीपी में तिरंगा लगाकर आजादी के अमृत महोत्सव पर तिरंगा विवाद का पटाक्षेप कर दिया है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार की यह एक एतिहासिक उपलब्धि है क्योकि स्वतंत्रता के 75 सालों तक तिरंगा को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई थी, प्रधानमंत्री की सोशल मीडिया में तिरंगा लगाने की अपील के बाद भी आरएसएस ने अपनी डीपी में तिरंगा नही लगाने से इस विवाद को फिर से हवा मिलने लगी थी, लेकिन संघ ने समय रहते इस विवाद का पटाक्षेप कर दिया।