May 1, 2025

भाजपा सांसद ममता बेनर्जी के बचाव में उतरे!

राष्ट्रगान के अपमान पर ममता बेनर्जी की भाजपाई कोशिश की हवा भाजपा संसद ने ही निकाली

भाजपा नेताओं ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप पर टीएसटी नेताओं के जगह भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मोर्चा संभालते हुए पीएम मोदी के एक पुराने वीडियों के जरिए बीजेपी पर सवाल उठाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस को उस दौरे में भारत के राष्ट्रगान जन गण मन का ध्यान नहीं रहा और रूस के लोगों को उन्हें इसके बारे में याद दिलाना पड़ा था। भाजपा सांसद स्वामी द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ खूल कर मोर्चा खोलना स्पष्ट करता है कि वह पूरी तरह से बगावती तेवर में है, इसके बाद भी भाजपा क्यो उन्हें पार्टी से निकाल रही है? यह ऐसा सवाल है जो भाजपा के अंदर भी उठने लगा है। चीन के लद्दाख अतिक्रमण पर भी स्वामी ने मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करने का कोई भी मौका नही छोड़ा। जिसके चलते कही ना कही मोदी सरकार की छवि खराब हो रही है।

राष्ट्रगान का अपमान को रवींद्र नाथ टैगोर का अपमान बताया भाजपा ने

मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी प्रेस कॉंफ्रेस के दौरान राष्ट्रगान पूरा होने के पहले बैठ जाने को भाजपा ने राष्ट्रगान का अपमान बताते हुए उन्हें घेरने की कोशिश कर रहे है। पश्चिम बंगाल की बीजेपी इकाई का कहना है कि ममता बेनर्जी पहले बैठी रहीं और फिर खड़ी हुई और भारत के राष्ट्रगान को अधूरा गाकर ही रूक गई. आज मुख्यमंत्री के तौर पर ममता बेनर्जी ने बंगाल की संस्कृति, राष्ट्रगान, देश और गुरूदेव रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान किया है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि राष्ट्रगान हमारी राष्ट्रीय पहचान की सबसे शक्तिशाली अभिव्यक्ति है. सार्वजनिक पदों पर बैठे लोग कम से कम इसका अपमान ना करें. ये बंगाल की मुख्यमंत्री द्वारा गाए गए राष्ट्रगान का विकृत संस्करण है. क्या भारत के विपक्ष में इतना भी गर्व और देशभक्ति नहीं हैं? बंगाल के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुकांत मजुमदार का कहना है कि संवैधानिक पद पर बैठीं मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने मुंबई में एक सभा में राष्ट्रगान का अपमान किया. क्या वो राष्ट्रगान से जुड़ा शिष्टाचार नहीं जानती या वो जानबूझकर राष्ट्रगान का अपमान कर रही थीं। महाराष्ट्र भाजपा के नेता प्रतीक करपे ने कहा कि ये राष्ट्रगान का अपमान नहीं है. जब ममता बेनर्जी ने बैठकर राष्ट्रगान शुरू किया तो वहां मौजूद तथाकथित बुद्धिजीवी क्या कर रहे थे? इतना ही नही, वो आगे बोलती गई और फिर बीच में ही चुप हो गई? दार्जीलिंग से बीजेपी सांसद राजू बिस्ता ने कहा कि ये बहुत दुख की बात है! गुरूदेव रवींद्रनाथ टेगौर के राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाली मुख्यमंत्री ने राष्ट्रगान का मजाक बना दिया। बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने कहा कि हमारी ऐसी मुख्यमंत्री है जो राष्ट्रगान का सम्मान नहीं कर पाई. विपक्षी दलों से भारत और उसके मूल्यों के सम्मान की उपेक्षा करना आजकल बहुत बड़ी बात हो गई है. एक संवैधानिक अधिकार रखने वाले व्यक्ति का ऐसा दुखद व्यवहार शर्मनाक और निंदनीय है।

भाजपा के अंदर ही बगावती स्वर लगातार बुलंद हो रहे है

राष्ट्रगान पर मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी पर हो रही हमले का जवाब टीएमसी नेताओं की जगह भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की तरफ से आने से भाजपा खेमें में भूचाल आ गया है, जो स्पष्ट संकेत दे रहा है कि भाजपा के अंदर ही अब मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वालों की कोई कमी नही है। ज्ञात हो कि पीलीभीत के सांसद वरूण गांधी ने किसान आंदोलन का खूल कर समर्थन करने के साथ ही टीईटी परीक्षा रद्द होने पर योगी सरकार पर सवाल खड़े किये है। वही दूसरी तरफ मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी किसान आंदोलन का खूल कर समर्थन किया। अब भाजपा नेता विपक्षी दलों का बचाव करने के लिए मोदी सरकार को ही घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा सांसद स्वामी ने राष्ट्रगान अपमान के मामले पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही कठघरे में खड़ा करते हुए पीएम मोदी का एक पुराना वीडियों के जरिए सवाल उठाया है कि क्या मोदी पहले के अपने मास्कों दौरे के दौरान जन गण मन भूल गए? क्या रूस के लोगों को इसके बारे मेें याद दिलाना पड़ा? चूकि कई लोग जानना चाहते है कि मैंने कब क्या कहा, तो मैं वही क्यों नही करता?

वीडियों में क्या है?

वीडियों से यह स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस में गार्ड ऑफ ऑनर दिया जा रहा और वो इसके लिए रूके हुए है। उसी वक्त उनके साथ खड़े एक रूसी अफसर हाथ से संकेत करते है और प्रधानमंत्री मोदी आगे बढऩे लगते हैं. ठीक उसी समय भारत के राष्ट्रगान जन-गण-मन की धुन भी बज उठती है, पर प्रधानमंत्री चलते ही रहते हैं। इसके बाद एक दूसरे अफसर तेजी से चलकर मोदी का हाथ पकड़कर पीछे आने का अनुरोध करते हैं. दरअसल, जब देश का राष्ट्रगान बजता है तो उसके सम्मान मेें सावधान की मुद्रा में रखा होना होता है,उस दौरान चलते- फिरते की इजाजत नहीं होती।

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