संसदीय बोर्ड के नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा मोदी जी के हिसाब से चल रही है
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी अब मोदी सरकार के लिए सरदर्द बनते जा रहे है, इस समस्या से ताकतवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस तरह से निपटते है इसका देश की जनता को भी इंतजार है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी दलों के नेताओं को निपटाने में कोई कोर कसर नही रखते है, इसलिए लोगों को उम्मीरद है कि सुब्रमण्यम स्वामी रूपी समस्या से भी वह जरूर निपट लेगें? संसदीय बोर्ड के गठन पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अब पार्टी में हर पद पर चुनाव की बजाय पीएम मोदी की मंजूरी से ही किसी की नियुक्ति किया जाता है। जो यही संकेत दे रहे है कि जिस तरह से कांग्रेस को गांधी परिवार अपने हिसाब से चला रही है उसी तरह ही भाजपा को मोदी जी अपने हिसाब से चला रहे है, लेकिन मोदी जी के फैसले पर किसी भी प्रकार के सवाल नही उठाये जाते है, जबकि गांधी परिवार के फैसलों पर कांग्रेसियों के सवाल उठाने की परंपरा है।
चीन के लद्दाख में अतिक्रमण मामले पर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार पर विपक्ष की तरह लगातार हमले करते रहे। अभी इस विवाद का पटाक्षेप नही हुआ है, वही संसदीय बोर्ड के गठन पर भी सवाल उठाते हुए स्वामी ने कहा कि जनता पार्टी और उसके बाद बीजेपी के शुरूआती दिनों में संगठन के पदों को भरने के लिए हम संसदीय बोर्ड के चुनाव कराया करते थे. ये पार्टी के संविधान की मांग है, आज बीजेपी में कोई चुनाव नहीं होता, हर पद मोदी की मंजूरी से सदस्यों को नामांकित किया जाता है। गौरतलब है कि संसदीय बोर्ड से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी को हटाये जाने को लेकर भाजपा के अंदर भी चर्चा है लेकिन किसी भाजपा की हिम्मत नही है कि विरोध कर सकें। प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी संसदीय बोर्ड में शामिल नही जाने पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है, जिससे कही ना कही सुब्रमण्यम स्वामी के लगाये गये आरोपों को मजबूती मिलती हेै कि मोदी जी के मंजूरी से ही सदस्यों को नामांकित किया जाता है, क्या यही भाजपा का आंतरिक लोकतंत्र है जिसकों लेकर वह गांधी परिवार पर सवाल उठाते रहे है।