पेट्रोल में एथेनॉल की मात्रा बढ़ रही है लेकिन दाम में कमी नही आ रही है
पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिलने के लक्ष्य को 2030 से कम करके 2023-24 किया
पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से देशवासियों को राहत दिलाने के लिए मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना के एथेनॉल का उपयोग 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है, यह लक्ष्य कब तक पूरा होगा इसकी कोई जानकारी नही दी गयी है, ठीक अच्छे दिनों की तरह की वह कब आयेगें? केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि सरकार ने 2023-24 तक एथेनॉल ब्लेंडिग का टार्गेट 20 फीसदी रखा गया है ज्ञात हो कि पूर्व में मोदी सरकार ने 20 फीसदी का लक्ष्य 2030 तक रखा गया था,। सवाल यह है कि मोदी सरकार पेट्रोल में एथेनॉल की मात्रा में लगातार इजाफा करती जा रही है लेकिन क्या गाडिय़ों के इंजन में कंपनी एथेनॉल से चलने वालें बनाने लगे है? गौरतलब है कि मोदी सरकार में एथेनॉल की मात्र बढ़ाने के बाद भी पेट्रोल डीजल के दामों मेें कमी नही आयी है, जबकि कच्चे तेल के दाम यूपीए सरकार से कम है। यूपीए सरकार में पेट्रोल में 1-1.5 फीसदी ही एथेनॉल का उपयोग होता था जो मोदी सरकार में 8.5 फीसदी तक पहुंचने के बाद भी जनता पेट्रोल व डीजल के बढ़े दामों से परेशान है जिसकी वजह से महंगाई भी बढ़ती जा रही है। पेट्रोलियम मंत्रीहरदीप पूरी एक तरफ कच्चे तेल के दामों को कम करने के लिए ओपेक देशों से फोन पर चर्चा कर रहे है, जो इस बात के संकेत है कि एक्साइज ड्यूटी को कम करने की मोदी सरकार की कोई इच्छा नही है। वही दूसरी तरफ पीयूष गोयल पेट्रोल डीजल में एथेनॉल की मात्रा बढ़ा कर देश को आत्मनिर्भर बनाने का वादा कर रहे है लेकिन जनता पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों में पिस रही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार जनता के दर्द को कम करने के लिए नयी नयी योजना लाकर यह विश्वास पैदा करने का प्रयास कर रही है कि आने वाला दिन बहुत से शानदार होने वाला है।