चुनाव प्रचार के दौरान ही क्यों एम्बुलेंस पीएम काफिले के बीच आ रही है?
पंजाब विधानसभा चुनाव के तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला के रोके जाने का सुरक्षा में चूक को भाजपाई व गोदी मीडिया ने मुद्दा बनाया था, वही गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में प्रधानमंत्री के रोड़ शो के दौरान एम्बूलेंस आने को भाजपाई व गोदी मीडिया ने सुरक्षा में चूका का मुद्दा बनाने की जगह प्रधानमंत्री की तारीफ कर रहे है कि उन्होंने एम्बुलेंस के लिए रास्ता छोड़ दिया? हिमाचल प्रदेश के चुनाव प्रचार के दौरान भी प्रधानमंत्री ने काफिले को रोक कर एम्बुलेस को जाने का रास्ता दिया था। सवाल यह है कि प्रधानमंत्री के काफिले के बीच में एम्बूलेस किस तरह सुरक्षा घेरा तोड़ कर लगातार कैसे आ रही है? यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब देश की जनता भी जानना चाहती है? क्योकि आम जनता का यही अनुभव है कि सुरक्षा में लगे जवान आम जनता को घुसने तक नही देते है तो फिर एम्बुलेंस को किसके कहने पर जाने दे रहे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी प्रचार के दौरान काफिले के बीच में अचानक एम्बुलेस के आने पर कांग्रेसी नेता श्रीनिवास बीवी ने चुटकी लेते हुए कहा कि पीएम की सुरक्षा में इतनी भारी चुूक की निष्पक्ष जांच की जाए क्योकि पीएम जिस रास्ते पर होते है वहां पर चुनावों के दौरान बार बार बिना सुरक्षा जांच के एम्बुलेंस आना सिर्फ संयोग नही। अन्यथा एम्बुलेंस को बीजेपी का स्टार प्रचारक सूची में शामिल किया जाए। वही कांग्रेसीी नेता रामेश्वर ने पूछा कि आखिर देश के सबसे उच्च स्तरीय सुरक्षा वाले प्रधानमंत्री के काफिले में बार बार एंबुलेंस कहां से आ जाती है? इसका जिम्मेदार कौन है? सुरक्षा एजेंसी या पीआर एजेंसी? जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री के काफिले के बीच लगातार सुरक्षा घेरा तोड़कर एम्बुलेंस का आना संयोग नही हो सकता है, निश्चित ही यह एक राजनीतिक स्टंट है, क्योकि वीआईपी की सुरक्षा के दौरान सुरक्षाकर्मी किसी को भी जाने नही देते है, तो फिर वह एम्बुलेंस को कैसे जाने दे सकते है, क्योकि उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है।