May 1, 2025

चयन समिति की गलतियों का खामियाजा बेरोजगारों को भूगतना होगा

हाईकोर्ट ने 14 हजार शिक्षक भर्ती पर रोक लगा कर नौकरी की उम्मीद पाले बेरोजगारों के सपने तोड़े

चयन समिति ने सी टेट पास उम्मीदवार को भर्ती से अलग करके नये विवाद को जन्म दिया
छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा की जाने वाली 14 हजार शिक्षकों की भर्ती कानूनी दांवपेंच का शिकार हो गयी है, हाईकोर्ट ने इस भर्ती पर रोक लगा दी है। याचिका कर्ता द्वारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाया है कि राज्य सरकार ने केंद्रिय शिक्षक प्रात्रता परीक्षा (सी टेट) के छात्रों को इस भर्ती प्रक्रिया से अलग कर दिया है, और सिर्फ सीजी टेट परीक्षा पास आवेदकों की ही भर्ती की है। हाईकोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। एक बार फिर सरकार की गलतियों का खामियाजा बेरोजगारों को भूगतना पड़ेगा जो लम्बे समय से अपनी नौकरी का इंतजार कर रहे थे। राज्य सरकार और कोर्ट के बीच चलने वाले इस मामले का फैसला कब आयेगा? यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब किसी के पास नही है।
बेरोजगार राजनीतिक पार्टियों के लिए सत्ता पाने का रास्ता से ज्यादा कुछ नही है, अन्यथा छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा 14 हजार शिक्षक की भर्ती प्रक्रियां में ऐसी कोई गलती नही की जाती जिसे कोर्ट में चुनौती देकर इस पूरी भर्ती प्रक्रिया पर ही रोक लग जाये। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि शायद राज्य सरकार भी इस भर्ती प्रक्रिया को लटकाना चाहती है इसलिए चयन समिति ने केंद्रिय शिक्षक पात्रता परीक्षा सीटेट पास उम्मीदवारों को इस शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अलग करके नये विवाद को जन्म दिया, चयन समिति ने सिर्फ सीजी टेट पास उम्मीदवारों का ही चयन किया। जिसके चलते अंबिकापुर जिले के निवासी ए के रात्रे की याचिका पर हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर ही रोक लगा कर सरकार को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है। सरकार इस मामले का जवाब कब तक देगी और कोर्ट इस मामले पर क्या फैसला सुनायेगा जब तक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में चयनित उम्मीदवारो को इंतजार करने के अलावा कोई और विकल्प नही बचा है। बढ़ती बेरोजागारी के बीच बहुत कम ही शासकीय भर्ती इन दिनों को रही है, उस पर भी चयन समिति की मनमानी या गलतियों के कारण मामला अदालत में लटक जाता है जो सीधे सीधे बेरोजगारों के साथ मजाक है, लेकिन यह मजाक मेें लगातार इजाफा होना यही संकेत दे रहा है कि सुनियोजित तरीके से भर्ती प्रक्रिया को लटकाने के लिए यह किया जाता है ताकि मामला कोर्ट में चला जाये और भर्ती प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली जाये।

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