नुक्सान की भरपाई के लिए कांग्रेसी महंगाई और भाजपा ने 15 साल में शराबबंदी क्यों नही की जैसे सवाल पूछ रही है
कांग्रेस शराबबंदी के अपने चुनावी वादे से मुकरते दिखाई दे रही है जिसकी वजह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बचाव में यह कहना पड़ रहा है कि रमन सिंह यह बताये कि उन्होंने 15 साल में शराबबदंी क्यों नही की है। भाजपाई को आम जनता की इतनी चिंता है तो महंगाई को लेकर भी आंदोलन करें। गैस सिलेंडर, पेट्रेाल-डीजल पर भी बात करें।
राज्य में शराबबंदी के के मामला पर भाजपा और काग्र्रेस नेताओं के बीच चल रही तू तू मैं मैं में लोगों को दीवार फिल्म का अमिताभ बच्चन और शशी कपूर का वह डॉयलाग याद आ रहा है, जब शशी कपूर अमिताभ बच्चन को बोलता है कि तुम इसमें साईन करों, जबवा मेें अमिताभ बच्चन बोलता है कि जाओं पहले उसे व्यक्ति का साईन लाओं जिसने मेरे हाथ पर चोर लिखा था इसके बाद मैं साईन कर दूंगा। सवाल यह है कि कांगे्रस ने अपने घोषणा पत्र व भाषणों में जनता को यह विश्वास दिलाया था कि अगर सरकार बनेगी तो शराबबंदी होगी, लेकिन अब जब सरकार बन गई है तो कांग्रेसी यह सवाल कर रहे है कि भाजपा ने 15 सालों में शराबबंदी क्यों नही की। यह सवाल राजनीतिक तौर पर जायज हो सकता है लेकिन कही ना कही छत्तीसगढ़ की जनता को साथ तो धोखा ही है क्योकि जनता को चुनाव के पूर्व कांग्रेसियों ने ऐसी कोई भी शर्त नही रखी थी कि विभिन्न राज्यों की शराबनीति का अध्ययन करने के बाद ही राज्य में शराबबंदी की जायेगी ताकि शराब की अवैध तस्करी व नकली शराब ना बिके। राजनीतिक जानकारों का मानना है कांग्रेस शराबबंदी के अपने वादे से साफ साफ मुकर रही है अब केवल इस मामले पर राजनीति करके इसका फायदा भाजपा ना उठा सके इसकी रणनीति पर ही कांग्रेसी काम कर रहे है इसलिए शराबबंदी के मामले पर महंगाई, अंकित सिंह के हत्या जैसे मामले को भी भाजपा को घेरने के लिए शामिल किया जा रहा है, ताकि जनता में यह संदेश जाये कि भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ में आने से रामराज्य नही आने वाला है।