राजनाथ सिंह के बाद दिग्विजय सिंह ने सावरकर पर दिया बयान
दिग्विजय सिंह के बयान गाय से जूडा होने के कारण भाजपा लाभ उठाने का करेगी हर संभव प्रयास
गृहमंत्री राजनाथ सिंह के इस कथन के बाद कि महात्मा गांधी के कहने पर सावरकर में माँफीनामा
लिखा था इसके बाद वीर सावरकर को लेकर राजनीति गर्माने लगी। इसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने विस्तार करते हुए दावा किया है कि सावरकर, गाय को माता कहने के खिलाफ थे उन्होंने आगे कहा कि हिन्दुत्व शब्द का हिंदू धर्म और सनातनी परंपराओं का कोई लेना देना नही है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि निश्चित ही दिग्विजय सिंह के इस बयान के बाद एक बार फिर सावरकर पर राजनीति गर्मायेगी।
देश की राजनीति इतिहास के पन्नों को पटलने में लगी हुई है। इन दिनों देश की राजनीति मेें वीर सावरकर की जीवनी पर चर्चा हो रही है, भाजपा नेता राजनाथ सिंह के बाद दिग्विजय सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की अयोध्या पर आधारित किताब के विमोचन पर सावरकर पर नयी राज खोल कर एक बार फिर से देश की राजनीति को गर्माने का प्रयास किया है। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर भाजपा के लिए यह अहम मु्द्दा भी बन सकता है क्योकि कांगेस ने वरीष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि सावरकर बीफ खाने को गलत नही मानन ेके साथ ही गाय को माता भी नही मानते थे । उत्तरप्रदेश की रजानीति में भाजपा का गाय बेहद अहम मुदृदा होने के कारण निश्चित ही भाजपा दिग्विजय सिंह के इस नये शोध पर राजनीति करने का प्रयास करेगी, इसमें उन्हेंं कितनी सफलता मिलती है यह तो आने वाले समय में पता लगेगा। क्योकि योगी सरकार ने उत्तरप्रदेश में गाय कटाने पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि आज कहा जाता है कि हिन्दू धर्म खतरे में हैं, 500 साल के मुगल और मुसलमानों के शासन में हिंदू धर्म का कुछ नही बिगड़ा। ईसाईयों ने 150 साल के राज में हमारा कुछ नहीं बिगड़ा जो अब हिंदू धर्म को खतरा किस बात का है। खतरा केवल उन मानसिकता और कुंठित सोची समझी विचारधारा को है जो ब्रिटिश हुकूमत की फूट डालो और राज करों वाली थी।
कांग्रेस के वरीष्ठ नेता ने कहा कि सावरकर ने बीफ खाने को गलत नहीं मानते थे, वे धार्मिक नही थे जिसके चलते गाय को माता नही मानते थे। उन्होनें हिंदू पहचान स्थापित करने के लिए हिन्दुत्व शब्द लाए जिससे लोगों में भ्रम फेैल गया। श्री सिंह ने कहा कि हिन्दुत्व मूल सनातनी परंपराओं और विचारधाराओंं के विपरीत है।