May 1, 2025

फांसी में मत लटकों, प्रधानमंत्री से सवाल करो गौंड़ा जी

मोदी की वैक्सीन नीति पर देश ही नही दुनिया में उठाये जा रहे है सवाल
भाजपा की राज्य सरकारें मोदी सरकार के आगे नतमस्तक, वैक्सीन की कमी का रोना भी नही रो सकती

वैक्सीन की कमी के मामले पर मोदी सरकार की समस्याएं कम होती नही दिखाई दे रही है, केंद्रीय मंत्री डीवी संदानंद गौड़ा ने वैक्सीन की कमी पर पूछे गये सवाल पर भड़क गए। उन्होंने कहा कि क्या सरकार में बैठे लोगों को टीके की कमी की वजह से खुद को फांसी पर लटका लेना चाहिए? जिस तरह से भाजपा नेता टीका की कमी को लेकर बयान दे रहे है वह साबित करता है कि टीकाकरण पर मोदी सरकार की परेशानी बढ़ती ही जा रही है मोदी सरकार की वैक्सीन नीति पर देश के साथ ही विदेशों में भी सवाल उठाये जा रहे है। लेकिन भाजपा के किसी भी नेता में यह साहस नही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाये कि बगैर जमीनी तैयार के 18 से 44 वर्ष के बीच टीकाकरण की शुरूआत किस आधार पर कर दी, जिसके बाद से वैक्सीन की समस्या गंभीर हो गयी है। गौरतलब है कि मोदी सरकार के वैक्सीन नीति पर लम्बे समय से सवाल उठाये जा रहे थे , साथ ही भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और नेशनल इंस्टीट्यूट के द्वारा विकसित को वैक्सीन उत्पाद का ठेका निजी कंपनी बॉयोटेक को क्यो दिया गया है? लेकिन मोदी सरकार के मंत्री व नेता कभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह सवाल करने का साहस नही जूटा पाये कि वैक्सीन बनाने का ठेका दूसरे को क्यो नही दिया जा रहा है। आज मोदी सरकार के मंत्री अपनी सरकार का बचाव के लिए यह कह रहे है कि क्या टीके के कमी से फांसी पर चढ़ जाये, जनता परेशान है ऑक्सीजन की कमी से लोगों की जान जा रही है, बेड व दवाईयां नही मिल रही है जिसके कारण लोगों को अपने परिजनों को खोना पड़ रहा है हालात यह है कि लाश जलाने की जगह नही है तो लोगों को नदियों में शवों को बहाना पड़ रहा है लेकिन मोदी सरकार के मंत्री अपनी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने की जगह जनता को ही कटघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रहे है। केंद्रीय मंत्री डीवी संदानंद गौड़ा का यह बयान की टीके के कमी से फांसी पर चढ़ जाये, जनता की सहानभूति नही मिल सकती है क्योकि मोदी सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जनता को वैक्सीन उपलब्ध कराये जिसमेें वह पूरी तरह से फेल होती दिखाई दे रही है। सरकार सिर्फ जनता को वैक्सीन की सपने ही दिखा रही है कि दिसंबर तक 216 करोड़ डोज मिलेगें लेकिन जब तक जनता कोरेाना से किस तरह से अपने आप को बचा पायेगी इसकों लेकर मोदी सरकार की क्या रणनीति है इस पर संस्पेंस कामय है। वैक्सीन खरीदने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को देकर मोदी सरकार कोरेाना की दूसरी लहर में अपने आपकों अलग ही रखने का हर संभव कोशिश कर रही है, जिस पर भी विवाद गहराने लगा है, जो निश्चित ही टीकाकरण अभियान को भी प्रभावित करेगा।

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