सांसद के आत्महत्या के कारणों की तलाश कर पायेगी जांच एजेंसी?
किसान आंदोलन के दौरान दो सांसदों का आत्महत्या किया जाना निश्चित ही राजनीतिक हल्कों में चर्चा का विषय बन गया है। कांग्रेस व दूसरे दलों की सरकार में बेरोजगार व किसान आत्महत्या किया करते थे लेकिन भाजपा सरकार में तो सांसद तक आत्महत्या करने लगे है। आत्महत्या के कारणों को जांच एजेंसी तलाश कर पायेगी? क्योकि सांसद को कौन सी इनती बड़ी समस्या आ गयी है वह भी आत्महत्या करने को मजबूर होने लगे है।
किसान आंदोलन के दौरान ही फरवरी माह में दादरा नगर हवेली के निर्दलीय सांसद मोहन देलकर का शव मुंबई के एक होटल में मिला अभी जांच एजेंसी सांसद के आत्महत्या के कारणों को तलाश ही नही कर पायी थी कि मार्च में हिमालच प्रदेश के मंडी क्षेत्र के भाजपा सांसद राम स्वरूप शर्मा का शव उनके शासकीय निवास पर संदिग्ध हालत में मिला। सांसदों की आत्महत्या के कारणों की तलाश क्या जांच एजेंसी कर पायेगी क्योकि फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर जम कर राजनीति होने के बाद भी सीबीआई के अभी तक आत्महत्या के कारणों का खुलासा नही हो सका है। बस्तर में भी नक्सली मोर्चा में तैनात जवान आये दिनों किसी ना किसी कारणों से आत्महत्या करते है लेकिन आत्महत्या के कारणों की जांच नही होती है। किसान और बेरोजगार अपनी अपनी समस्याओं को लेकर आये दिनों आत्महत्या करते रहते है, लेकिन उनके आत्महत्या के कारणों पर भी रहस्य बरकरार रहता है। ऐसे में देश के सबसे बड़े नेताओ के आत्महत्या के कारणों की तलाश जांच एजेंसी कर पायेगी? यह सबसे बड़ा सवाल है।