तीन चुनावों में से दो में हार के बाद भी गृहमंत्री अमित शाह गुजरात जीत से उत्साहित है,
गृहमंत्री अमित शाह ने गुजरात विधानसभा में भाजपा को मिली एतिहासिक जीत का पॉजिटिव असर आगामी लोकसभा चुनाव में मिलने का दावा तो कर रहे है, लेकिन दिल्ली के एमसीडी चुनाव व हिमाचल प्रदेश मेें भाजपा की हार का असर लोकसभा चुनाव पर क्या पड़ेगा इसका उल्लेख नही किया। रामसेतु का निर्माण भगवान राम के द्वारा कराये जाने के कोई सबूत मोदी सरकार भी साढ़े आठ सालों में नही तलाश कर पाई है जिसके चलते रामसेतु के मामले पर भी कांग्रेस के पदचिन्हों पर चल कर भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने से हिन्दुत्व की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा इस पर भी उन्होंने कुछ नही कहा।
गृहमंत्री अमित शाह गुजरात में मिली एतिहासिक जीत का उल्लेख करके आगामी लोकसभा चुनाव पर सकारात्मक प्रभाव पडऩे का दावा जरूर कर रहे है लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने एमसीडी का चुनाव जीत कर 15 सालों से सत्ता में काबिज भाजपा को हटाने में कामयाब रही, जिसका असर लोकसभा चुनाव में भी पड़ सकता है क्योकि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है। वही दूसरी तरफ परिवारवाद व देश बेचने का आरोप कांग्रेस पर लगाने वाली भाजपा हिमाचल प्रदेश में उसी कांग्रेस से हार का सामना करना पड़ा, जो बताता है कि भाजपा के लगभग एक दशक से लगाये जा रहे परिवारवाद व देश बेचने के आरोप को हिमाचल प्रदेश की जनता ने खारिज कर दिया है जिससे निश्चित ही कांग्रेसियों में भी नये उत्साह का संचार होगा। इसके अलावा हिन्दुत्व की राजनीति के साथ ही जय श्री राम का नारा लगाने वाली मोदी सरकार रामसेतु के मामले पर जनता की भावनाओं को नजरअंदाज करते हुए पृथ्वी विज्ञान मामले के मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि रामसेतु की उत्पत्ति और वो कितना पुराना है इससे संबंधित कोई पुख्ता सबूत नही मिलने की बात कह करके स्पष्ट कर दिया कि भगवान राम ने रामसेतु का निर्माण नही किया है। मोदी सरकार के रामसेतु के जवाब से मोदी सरकार के हिन्दुत्व की राजनीति पर भी असर पड़ेगा क्योकि रामसेतु के मामले पर मोदी सरकार कांग्रेस के पदचिन्हों पर ही चलती दिखाई दे रही है। रामसेतु का निर्माण को भगवान राम ने नही जोड़ पाने से मोदी सरकार की हिन्दुत्व की राजनीति पर भी पकड़ कमजोर होगी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार की हिन्दुत्व की राजनीति कमजोर होने से महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे हावी होने का खतरा बढ़ जायेगा।