May 1, 2025

अजय देवगन की नई पारी शुरू होने से पहले ही खत्म हुई

भाजपा का समर्थन करने वालें भी हुए खिलाफ

द कश्मीर फाइल्स या फिर अभिनेत्री कंगना राणावत की तरह अभिनेता अजय देवगन को हिन्दी राष्ट्रभाषा बताने पर भाजपा का साथ नही मिलने से सवाल गहराने लगा है कि अजय देवगन ने जिस उद्देश्य को लेकर किच्चा सुदीप से हिन्दी राष्ट्रभाषा होने का दावा किया था, क्या वह फेल हो गया है? क्योकि इस मुद्दे पर कंगना राणावत ने भी अजय देवगन के साथ खड़ी नजर नही आयी, उन्होंने तो यहां तक कहा कि संस्कृत को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिये जाने के साथ ही सभी क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान होना चाहिए। इसके बाद गायक सोनू निगम का कहना है कि भाषा को लेकर यह विवाद देश में तनाव पैदा करेगा। हम पहले से ही कई आंतरिक समस्याओं का सामना कर रहे है, क्या देश में पहले से कम समरूया है जो हमें एक नई की आवश्यकता है। हम दूसरों पर एक भाषा थोपकर देश में तनाव पैदा कर रहे हैं।

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अभिनेता अजय देवगन हिन्दी देश की राष्ट्रभाषा होने का दावा करके क्या राजनीति में अपने नये कैरियर की तलाश करने के उद्देश्य से कन्नड़ अभिनेता किच्चा सुदीप से भीड़ गये, क्योकि कंगना राणावत के विवाद बयानों के चलते वह भाजपा के आला नेताओं के करीब तक पहुंच गयी है। अजय देवगन के मामले पर बांजी पूरी तरह से उलटी पड़ गयी है, क्योकि भाजपा के नेता राष्ट्रभाषा के विवाद पर दक्षिण में सत्ता पाने के सपने को चकनाचूर नही होने देना चाहते है। इसलिए वह इस पूरे विवाद से अपने को दूर ही रखा। वही भाजपा का खूर का समर्थन करने वाली अभिनेत्री कंगना राणावत ने भी अजय देवगन का साथ ना देकर स्पष्ट कर दिया कि वह एक गलत मुदृदे को उठाया है, इससे धु्रवीकरण की जगह दक्षिण भारत में भाजपा के एंट्री पर ही रोक लग सकती है। इसलिए उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करने के साथ ही लूप्त हो रही संस्कृत भाषा को राष्ट्रीय भाषा बनाने की बात कही। सोनू निगम ने भी इस विवाद पर अजय देवगन को ही कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार भारत के संविधान में हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में वर्णित नही किया गया है, हिंदी देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, लेकिन तमिल भी दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है। सोनू निगम ने कहा कि देश में पहले से ही कई आंतरिक समस्याओं का सामना कर रहा है लेकिन उन्होंने किन किन आंतरिक समस्याओं से देश मोदी सरकार में गुजर रहा है इसका उल्लेख नही किया और इसकों स्पष्ट करने का प्रयास किया कि जब देश में खान पान को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है तो हिन्दी को राष्टभाषा के रूप में अगर थोपने की कोशिश सरकार करें तो गलत क्या है।
राष्ट्रभाषा पर मोदी सरकार की चुप्पी निश्चित ही हिन्दी भाषी क्षेत्र की जनता को यह संदेश दे रही है कि वह हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाना नही चाहती है, अन्यथा इस विवाद भाजपा नेता जरूर बोलते। धु्रवीकरण की राजनीति पर बेबाकी से बयानबांजी करने वाले भाजपाईनेता राष्ट्रभाषा के मुद्दे पर चुप्पी साधकर अजय देवगन के राजनीति पारी शुरू करने के पहले ही खत्म कर दिया है।

पायलट फेडरेशन में रनवे 34 को काल्पनिक फिल्म बताया

अजय देवगन का राष्ट्रभाषा विवाद जिस तरह से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है उसी तरह ही रनवे 34 को लेकर भी सवाल गहराने लगे है, जिसमें दावा किया गया है कि द कश्मीर फाइल्स की तरह ही यह भी सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है। भारतीय फायलट फेडरेशन ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि फिल्म के सच्ची घटना पर आधारित होने के दावे को झूठा बताया है। भारतीय पालयट फेडरेशन के सचिव कैंप्टन सीएम रंधावा ने कहा कि फिल्म मेें एयरलाइन पायलटों के पेशे को अवास्तविक रूप से दिखाया गया है और इससे यात्रा करने वाले यात्रियों के मन में आशंकाएं पैदा हो सकती है।

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