मोदी सरकार को मालगाडिय़ों की चिंता, यात्रियों की नही
गर्मी के मौसम में रेल मंत्रालय के द्वारा छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 22 यात्री ट्रेनो को निश्चित ही राष्ट्रीय हितों के चलते ही बंद किया होगा, क्योकि देशवासियों में ऐसी मान्यता विकसित हो गयी है कि मोदी सरकार जो भी काम करती है, वह देश हित में होता है। कांग्रेस रेल मंत्रालय के इस फैसले का विरोध मोदी सरकार के हर फैसले की तरह कर रहे है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ट्रेनों को रद्द करने पर अपनी नाराजगी दर्ज करायी है। इस मामले पर अभी तक छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों व नेताओं ने रेल मंत्रालय के इस अहम फैसले पर भी मौन साधे हुए है, क्योकि भाजपा नेता किसी भी हालत में मोदी सरकार के फैसले का विरोध नही कर सकते है, चाहे उनका निर्णय राज्य की जनता को नुक्सान पहुंचाने वाला ही क्यो ना हो।
भीषण गर्मी के मौसम में जब रेल में टिकट के लिए मारमारी चल रही है ऐसे पीक मौसम में रेल मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ से गुजरने वाले एक्सप्रेस व पैसेन्टर ट्रेनों को एक महीने तक रद्द करने का फैसला ने प्रदेशवासियों को आश्चर्यचकित कर दिया, जिसकों लेकर कांग्रेसी पूरी तरह स ेआक्रामक नजर आ रहे है वही भाजपा पूरी तरह से बैकफुट में आ गयी है, क्योकि भाजपा नेता भी इस बात से अवगत है कि रेलमंत्रालय के इस फैसले से प्रदेश की जनता की मुश्किलें बढ़ेगी लेकिन इसके बाद भी वह मोदी सरकार के फैसलों के खिलाफ जाने का साहस नही कर सकते है, अन्यथा उनका राजनीतिक कैरियर खतरे में आ सकता है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम ने रेल मंत्रालय के इस फैसले के विरोध में डीआरएम कार्यालय के सामने नारेबाजी करने के साथ ही ज्ञापन सौंपा, वही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ट्रेनों को रद्द किये जाने के मामले पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि ट्रेनो के बंद होने से प्रतिदिन यात्रा करने वाले छोटे छोटे व्यापारियों, छात्रों को असुविधा होगी। रेल विभाग ने यात्री ट्रेनो को तो रद्द कर दिया लेकिन एक भी मालगाड़ी को रद्द नही किये जाने से प्रदेश की जनता में स्पष्ट संदेश गया कि मोदी सरकार को यात्रियों की सुविधा से ज्यादा मालगाडिय़ों के परिवहन की चिंता है। जिससे कही ना कही छत्तीसगढ़ भाजपा संगठन की भी मुश्किलें बढ़ गई है क्योकि भाजपा नेता प्रदेश की जनता को यह समझाने में कामयाब नही हो सकेगें कि रेल विभाग यात्री गाडिय़ो को एक तरफ रद्द करके आम जनता को मुश्किल में डाल रहा है वही दूसरी तरफ मालगाडिय़ों के संचालन बगैर किसी व्यवधान के कर रहा है। भाजपा सांसद सुनील सोनी का यह तर्क भी लोगों के गले नही उतर रहा है कि विभिन्न सेंक्शनों में काम चलने की वजह से ट्रेनों का परिचालन रद्द किया गया है , सवाल उठता है कि विभिन्न सेंक्शनों के काम सिर्फ यात्री ट्रेनों को ही प्रभावित करेगा, मालगाडिय़ां क्यो प्रभावित नही हो रही है। वही केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने यह कहकर अपना बचाव किया कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नही है।
बस्तर में भी रेल मुद्दा बढ़ा रहा है भाजपा की मुश्किलें
रेल के मामले पर जिस तरह से प्रदेश में भाजपा बैकफुट में नजर आ रही है उसी तरह ही बस्तर में भी रेल सुविधाओं के लिए किये जा रहे आंदोलन से भाजपा की परेशानी बढ़ रही है, क्योकि बस्तर भाजपा नेताओं का प्रतिनिधि मंडल दिल्ली में रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव से मिल कर बंद जगदलपुर दुर्ग एक्सप्रेस को चालू कराने के साथ ही रावघाट जगदलपुर रेल लाईन का निर्माण करने की मांग करने के साथ ही बस्तर आने का न्यौता भी दिया था लेकिन बस्तर आने पर रावघाट जगदलपुर रेल लाईन का भूमिपूजन करने के साथ ही जगदलपुर दुर्ग एक्सप्रेस को पुन: शुरू करने की घोषणा करने का दवाब रहेगा, जिसके चलते रेलमंत्री कोरापुट से ही वापस लौट जाने से यही बस्तर की जनता में यही संदेश गया कि मोदी सरकार बस्तर में रेल सुविधाओं को लेकर गंभीर नही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कभी भाजपाई बस्तर में रेल सुविधाओं को कांग्रेस को जिम्मेदार बताते है लेकिन मोदी सरकार आने के बाद मामला पूरी तरह से उल्टा पड़ गया है।