रेल शुरू करने की मांग को मोदी सरकार, किसान आंदोलन की तरह गंभीरता से नही ले रही
बस्तर में रेल सेवाओं को शुरू करने के लिए हर कोई प्रयास कर रहा है लेकिन इसके बाद भी रेल विभाग के द्वारा कोरापुट से चलने वाली हिराखंड एक्सप्रेस का विस्तार जगदलपुर तक नही किया जाना साबित करता है कि यह पूरा प्रयास सिर्फ फोटो खींचने तक सीमित है, इस बात से रेल विभाग भी पूरी तरह से अवगत होने के कारण बस्तर से एक्सप्रेस सेवा नही शुरू कर रहा है।
कोरोना काल में बंद हुई एक्सप्रेस सेवा को पुन: शुरू करने की मांग जनप्रतिनिधियों के साथ ही पूर्व में रेल आंदोलन से जूडे लोग पत्रों के माध्यम से कर रहे है, दर्जनों पत्र के बाद भी रेल विभाग बस्तरवासियोंं की मांग को गंभीरता से नही ले रहा है । रेल सेवा पुन: बहाल करने के लिए जिस दवाब की रेल विभाग को जरूरत है वह पत्रों के माध्यम से नही बना पाये है, इसलिए नयी टै्रन तो छोड़ो कोरापुट से चलने वाली हीराखंड एक्सप्रेस का विस्तार तक जगदलपुर से नही कर रहा है। जबकि देश के अन्य हिस्सों में रेल सेवाएंओं का संचालन शुरू हो गया है बस्तर जहां से रेल विभाग को करोड़ का राजस्व मिलता है वहां पर अभी भी रेल सेवाओं के शुरू होने की मांग पत्रों के
माध्यम से लोग कर रहे है, जिन्हें किसान आंदोलन की तरह रेल विभाग गंभीरता से नही ले रहा है। किसान आंदोलन की गुंज तो देश व विदेश में हो रही है लेकिन बस्तर में रेल सेवाओं की आवाज बस्तर से बाहर ही नही निकल पायी है।