आवागमन जारी रहने से कैसे रूकेगा कोरोना संक्रमण?
कोरोना संक्रमण रोकने की नीति पर सवाल उठने लगे है?
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेकाबू हो गयी है, राज्य सरकार इस संक्रमण को रेाकने के लिए जिस तरह की लड़ाई लड़ रही है उस पर भी सवाल उठने लगे है, क्योकि राज्य सरकार ने कोरेाना की लड़ाई की कमान जिला अधिकारियों के कंधो पर सौप कर कही ना कही जिम्मेदारी से कही ना कही पल्ला झाड लिया है? बुधवार को राज्य में 10 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित मामले मिलना हालत की गंभीरता को दर्शाता है ,राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजोंं की संख्या 58 हजार पर हो गयी है। कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी, बेमेतरा, के बाद रायपुर में भी लॉकडाउन लगाने का फैसला तो किया है लेकिन इसके बाद भी राज्य में आवागमन जारी रहने से सवाल उठता है ऐसे में किस तरह से संक्रमण फैलाव को रोका जा सकेगा? क्योकि बाहर से आने वालों की निगरानी करने में प्रशासन जमीनी स्तर पर सफल नही है। वही दूसरी तरफ कोरोना टेैस्टिंग की रिपोर्ट भी सही समय में नही आने के अलावा, वैक्सीन की कमी से भी राज्य जूझ रहा है। जानकारों की माने तो वर्तमान हालात को देखते हुए राज्य सरकार को पूरे प्रदेश में एक साथ कुछ दिनों के लिए लॉकडाउन घोषण कर देना चाहिए।
मोदी सरकार कोरोना की पहली लहर के दौरान लगाये गये लॉकडाउन का श्रेय लेती है कि अगर सही समय पर लॉकडाउन नही लगाया गया होता तो हालात और भी खराब होते, एक साल बाद फिर से कोरोना देश के साथ ही राज्य में कहर मचा रहा है। देश में प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा कोरेाना संक्रमित मामले सामने आने के बाद भी कोरोना संक्रमण का ज्ञान देने वाले नेता चुनाव प्रचार में व्यस्त है, जो इस बात का संकेत है कि लोगों की जान से ज्यादा नेताओं को सत्ता प्यारी है। विधानसभा चुनाव के कारण मोदी सरकार देश भर में लॉकडाउन नही लगा सकती है। महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए आंशिक लॉकडाउन लगा है उसी तरह ही छत्तीसगढ़ में भी राज्य सरकार को पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगा कर कोरोना संक्रमण को रोकने की ठोस जमीनी रणनीति पर काम करना चाहिए क्योकि कुछ जिलों में लॉकडाउन के बाद भी आवागमन पूर्व की तरह ही जारी रहने से संक्रमण फैलने की संभावनाएं बनी हुई है। आवागमन पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार को प्रदेश स्तर पर लॉकडाउन लगाने की जरूरत को हालात के मद्देनजर महसूस भी किया जा रहा है। लॉकडाउन जरूर कोरोना का इलाज नही है लेकिन इसके अलावा सरकार के पास कोई और ऐसा रास्ता भी नही है जिसके चलते कोरोना संक्रमण को रोक सके। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने रायपुर में लॉकडाउन नही लगाने की बात कही थी लेकिन कुछ दिनों बाद लॉकडाउन लगाना ही पड़ गया।