बस में सवाल अधिकांश जवानों के पास हथियार तक नही थे
विधानसभा चुनाव के पूर्व जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आंतकवादियों ने सुरक्षाबलों पर हमला किया है, इस हमले में दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए और 12 लोग घायल हो गये है। इस घटना को भी सुरक्षा की भारी चुक माना जा रहा है। पूर्व डीजीपी एसपी वेद ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि कश्मीर में जब भी कोई पुलिस टुकड़ी की मूवमेंट होती है तो एरिया डॉमिनेशन कर सुरक्षा की जाती है। जहां हमला हुआ है वहां भारी पुलिस बल तैनात रहता है, लेकिन आज की घटना समझ से परे है। उन्होंने सवाल उठाया कि पुलिस पार्टी मूवमेंट के वक्त हथियार होने चाहिए लेकिन इस मामले पर ज्यादातर पुलिसकर्मियों के पास हथियार ही नही थे।
लोकसभा चुनाव के पूर्व पुलवामा में आंतकवादियों ने जवानों को निशाना बनाया था जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे , जिसके बाद मोदी सरकार ने कड़ी कार्यवाही करते हुए पाकिस्तान पर सर्जिकल अटैक किया था। पांच राज्यों मेंं विधानसभा चुनाव के पूर्व एक बार फिर कश्मीर में स्कूटी में सवार तीन आंतकवादियों ने श्रीनगर के जेवान इलाके में पुलिस बस को निशाना बना कर गोलीबारी की , इस हमले में दो पुलिसकर्मी शहीद हो गये जबकि 12 जवान घायल हुए है, राजनीतिक जानकार इसे पुलवामा के बाद का सबसे बड़ा हमले के तौर पर देख रहे है। इस घटना के बाद एक बार फिर जवानों की सुरक्षा को लेकर सवाल गहरा दिया हेै, क्योकि बस बुलेटपू्रफ नही थी, साथ ही बस में सवार पुलिस कर्मियों के पास शील्ड और लाठियां थी। बहुत ही कम पुलिसवालों के पास हथियार थे, साथ ही इस घ्0ाटना को जहंा पर अंजाम दिया गया वहां पर जम्मू कश्मीर पुलिस का सशस्त्र विंग परिसर है जहां कइ्र सशस्त्र पुलिस बटालियन और आटीबीपी का स्टेशन मुख्यालय भी है,। पुलिस के द्वारा जवाबी कार्यवाही की गयी लेकिन आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठा कर भाग गये।