पर्यावरण से जूडे लोगों को भी पटाखों से होने वाले पदूषण की चिंता नही
इंद्रावती बचाओं अभियान से जूडे लोग बस्तर में बिगड़ते पर्यावरण को लेकर बेहद चिंतित नजर दिखाई दिये और उनके द्वारा बड़े पैमाने पर पौधारोपण करके पर्यावरण को बेहत्तर बनाने का दावा किया गया, लेकिन इंद्रावती बचाओं अभियान से जूडे पर्यावरण प्रेमियों ने पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी की गयी गाइडलाइन को लेकर अपनी कोई भी टिप्पणी नही की है ताकि लोगों में पटाखों को फोडऩे से होने वाले प्रदूषण के प्रति जागरूकता फैले और कोर्ट के दिये आदेश का धरातल पर पालन हो सके। जिला प्रशासन अपने स्तर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को पालन कराने का प्रयास कर रहा हेै लेकिन पर्यावरण प्रेमियों को लोगों को जागरूक करने या लोगों से प्रतिबंधित पटाखों को फोडऩे की कोई भी अपील नही करना स्पष्ट करता है कि पर्यावरण को लेकर भी पर्यावरण प्रेमियों की अलग अलग राय होने से कैसे पर्यावरण बेहत्तर हो पायेगा। क्या सिर्फ मीडिया की सुर्खियां बने रहने के लिए इंद्रावती बचाओं अभियान से जूडे लोग पौधारोपण करके ही पर्यावरण बचाना चाहते है? जबकि पर्यावरण को प्रतिबंधित पटाखों के साथ ही अन्य मामले से भी भारी नुक्सान पहुंचता हैजिसके लेकर सुप्रीम कोर्ट बेहद गंभीर है। जिस तरह स्वच्छता को लेकर शहरवासी सड़कों में लोगों को जागरूक करने के लिए उतरे उस तरह ही पटाखों से पर्यावरण को होने वाले नुक्सान पर किसी भी प्रकार की जागरूकता अभियान नही चलाने से यह स्पष्ट हो गया है कि सुप्रीम कोर्ट का पटाखों पर दी गयी गाइडलाइन सिर्फ दिखावा से ज्यादा कुछ नही है, क्योकि जमीनी स्तर पर उसे कोई भी पालन नही करना चाहता है। जानकारों का कहना है कि दीपावली में जब सुप्रीम कोर्र्ट के आदेश का पालन नही हो पायेगा तो अन्य त्यौहरों में कैसे पालन होगा। इसलिए कोर्ट की पटाखों से होने वाले पर्यावरण नुक्सान की चिंता सिर्फ चिंता से आगे नही बढ़ पायेगी?
पटाखों पर इंद्रावती बचाओं अभियान से जूड़े लोगों ने मौन साधा
इंद्रावती बचाओं अभियान से जूडे लोगों से दीपावली पटाखों से होने वाले प्रदूषण के संबंध में लोगों को जागरूक नही करने के संबंध में कई लोगो से पूछा लेकिन किसी ने भी प्रतिबंधित पटाखों के फोडऩे को लेकर कोई भी प्रतिक्रिया नही दी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि जब पर्यावरण की चिंता करने वाले संगठनों को पर्यावरण की चिंता नही है तो आम जनता को कैसे पर्यावरण की चिंता होगी।