May 1, 2025

विधानसभा चुनाव में पेगासस का जिन्न बाहर आया

न्यूयार्क टाइम्स का दावा 2017 में मोदी सरकार ने इजराइल से खरीदा से पेगासस
यूपी विधानसभा चुनाव के पूर्व एक बार फिर पेगेसस का जिन्न बाहर आ गया है। न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार 2017 में भारत और इजराइल के बीच दो अरब डॉलर के आधुनिक हथियारों और खुफिया उपकरणों का सौंदा हुआ था, इसमें पेगेसस स्पाइवेयर और एक मिसाइल प्रणाली की खरीदी मुख्य रूप से हुई थी, अखबार के अनुसार अमेरिकी जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरों ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने भी यह सॉफ्टवेयर खरीदा था।  गौरतलब है कि विपक्ष सरकार से यह जानने का प्रयास कर रहा था कि पेगेसस की खरीदी देश में किसने की है? जिस पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में कहा था कि उनके पास इस स्पाईवेयर की खरीद की जानकारी नहीं है। वही केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने न्यूयॉर्क टाइम्स को सुपारी मीडिया बताते हुए इस खबर को खारिज कर दिया, लेकिन देश में पेगेसस की खरीदी किसने की यह नही बताया।
अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स  के इस खुलासे के बाद कि 2017 में भारत और इजराइल के बीच हुए सौदे में पेगेसस स्पाईवेयर खरीदा गया था के बाद एक बार फिर कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गयी है।  पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्ष के हाथ में एक बड़ा हथियार मोदी सरकार को घेरने को मिल गया है, देखना यह है कि विपक्ष इस हथियार का उपयोग किस तरह से करता है, क्योकि मोदी सरकार के पास इस हथियार का कोई जवाब नही है।  राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र व जनता की जासूसी कराने के लिए पेगासस खरीदा था। फोन टैप करने सत्ता  पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायापालिका  सब को निशाना बनाया है। ये देशद्रोह है। वही रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस खबर से साबित हो गया कि मोदी सरकार असंवैधानिक तरीके से अपने नागरिकों के खिलाफ इस स्वाईवेयर का उपयोग किया हैं। इसके लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री जिम्मेदार है। यह प्रजातंत्र का अपहरण और देशद्रोह है।

न्यूयॉर्क टाइम्स को सुपारी मीडिया बताया मोदी के मंत्री ने

पेगेसस की रिपोर्ट आने के बाद केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने न्यूयॉर्क टाइम्स को सुपारी मीडिया करार देने के साथ ही उसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या आप एनवाईटी पर भरोसा कर सकतें हैं? उसे सुपारी मीडिया के रूप में जाना जाता है। सवाल यह है कि न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर गलत हो सकती है लेकिन सवाल तो आज भी बना हुआ है कि पेगेसस को आखिर किसने खरीदा यह तो मोदी सरकार को देश की जनता को बताना चाहिए, ताकि झूठी खबरों पर लगाम लग सके। ज्ञात हो कि पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गठित जांच समिति भी जांच कर रही है।

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