सरकार ने पर्यटकों के मनोरंजन का नही कर सकी है इंतजाम
बस्तर को पर्यटन राजधानी बनाने का सपना भी हुआ ढ़ेर
बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन के हर संभव प्रयास किया जा रहा है, छत्तीसगढ़ निर्माण के दो दशक बाद भी बस्तर में एक भी ऐसा पर्यटन स्थल नही बनाया जा सका है जहां पर बच्चों व बड़ो के मनोरंजन की भी सुविधा उपलब्ध हो। वही पर्यटन राजधानी बनाने का वादा भी ठंडे बस्ते में सरकारों ने डाल दिया।
छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद बस्तर में पर्यटन राजधानी बनाने का वादा भाजपा नेताओं के द्वारा किया गया, लम्बे समय सत्ता में रहने के बाद भी पर्यटन के पर्यटन स्थल सर्व सुविधा युक्त नही बनाया जा सका है। बस्तर का प्रमुख पर्यटन स्थल चित्रकोट में पर्यटको को आकर्षित करने के लिए लाखों रूपये खर्च करके पर्यटकों के रूकने की व्यवस्था की गयी है, लेकिन इस पर्यटन स्थल में सिर्फ और सिर्फ चित्रकोट जलप्रपात के अलावा ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नही हो सकी है कि पर्यटन कुछ घंटों वहां पर भी गुजर कर अपना और अपने परिवार वालों का मनोरंजन कर सके। भारत का नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट जलप्रपात में नियाग्रा जलप्रपात की तरह पर्यटकों को कितनी प्रतिशत सुविधा मिल रही है इसकी बात कोई नेता व अधिकारी नही करता है। तीरथगढ़ जलप्रपात जरूर पर्यटकों को जंगल के साथ ही कई स्टेप में जलप्रपात आकर्षित करता है परंतु इसके अलावा पर्यटकों के मनोरंजन के लिए अन्य कोई सुविधा उपलब्ध नही है। प्राकृतिक रूप से जरूर बस्तर बहुत खूबसूरत है, लेकिन सरकार को इस प्राकृतिक सौंदर्य का दोहन करने के लिए पर्यटको को प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ ही कुछ मनोरंजन के अन्य साधन भी उपलब्ध कराये जाने चाहिए, जिसका वह आंनद ले सके। बस्तर के पर्यटन स्थलों में पर्यटकों को दिन भर का समय गुजारने का साधन उपलब्ध नही होगें तब तक बस्तर का प्राकृतिक सौंदर्य का लाभ बस्तरवासियों को नही मिल सकेगा।