पांच किलो राशन के लिए ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए पे्ररित कर रहे है उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत
पांच किलों राशन मुफ्त पाने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत लोगों को ज्यादा से ज्यादा बच्चा पैदा करने करने के लिए प्रेरित कर रहे है। उनका यह बयान राजनीतिक हल्कों के साथ ही आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बनता जा रहा है कि मोदी सरकार उत्तराखंड की कमान किस तरह की सोच रखने वालोंं को हाथों में सौपी है। फटी जींस के मामले पर पहले ही सुर्खियों में छाये हुए है।
भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने हिन्दू महिलाओं को चार बच्चा पैदा करने की सलाह दे चुके है, इसके बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी हिन्दुओं को ज्यादा से ज्यादा बच्चा पैदा करने की बात कह चुके है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए उत्तराखंड के नये मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोरोना काल में मोदी सरकार ने प्रति व्यक्ति पांच किलों राशन दिया जिसके दो बच्चे थे उन्हें 10 किलो मिला और जिनके 20 बच्चे थे उन्हें 1 क्विंटल अनाज मिला, इसमें जलन काहे की भाई। मुख्यमंत्री ने अनाज का सहारा देकर ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा बच्चा पैदा करने के लिए प्रेरित किया कि अगर भविष्य में फ्री अनाज ज्यादा लेना है तो बच्चे पैदा करों। सवाल यह है कि पांच किलो अनाज से बच्चे का जीवन यापन हो जाता है, बच्चे के अन्य खर्चो पर किसी भी प्रकार की कोई बात नही कही। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री श्री रावत ज्यादा से ज्यादा बच्चा पैदा कराने के पक्ष में तो है लेकिन उनको बेहत्तर शिक्षा व स्वास्थ्य को लेकर चिंतित नही है, उन्हें सिर्फ वोट की चिंता है। जिस तरह से सत्ता के उच्च पदों में बैठे नेता सार्वजनिक रूप से ज्यादा से ज्यादा बच्चा पैदा करने के लिए आम जनता को प्रेरित कर रहे है ऐसे में देश की बढ़ती जनसंख्या को कैसे नियंत्रित किया जा सकेगा। जिस तरह के बयान भाजपा से जूडे नेता दे रहे है उससे यही लगता है कि जनसंख्या के मामले पर जल्द ही चीन को पछाड़ कर नंबर वन पर काबिज होने वाला है जिसमें मोदी सरकार के नेताओं का भी अहम योगदान रहेगा।