रायपुर के व्यापारी कर रहे है बस्तर में सप्लाई
विधानसभा चुनाव में आऊटसोर्सिग का मुद्दा को कांग्रेसियों ने जोर शोर से उठा कर बस्तर के बेरोजगारों को यह विश्वास दिलाया था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर आऊटसोसिंग पूरी तरह से बंद कर दी जायेगी।
सत्ता में काबिज होने के बाद आज भी आऊटसोर्सिंग का खेल जारी है। बस्तर जिले में ब्लाँक स्तर पर होने वाली खरीदी को भी रायपुर के व्यापारियों को ठेका दिया जा रहा है, ऐसे में सवाल उठता है कि आऊटसोर्सिग का मुद्दा क्या सिर्फ कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए ही किया था, क्योकि बस्तर में अधिकांश शासकीय सामानों की खरीदी का ठेका रायपुर से ही निकलने के कारण स्थानीय व्यापारियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
विधानसभा चुनाव में भाजपा को कटघरे में खड़ा करने के लिए कांग्रेसियों ने आऊटसोर्सिंग के मुद्दे को जम कर हवा दी थी जिसका फायदा भी कांग्रेस को मिला लेकिन सत्ता मेें आने के बाद आऊटसोर्सिंग का सिलसिला जारी है। मिली जानकारी के अनुसार बस्तर के सात ब्लांकों के 128 संकुलों में लगभग सवा एक करोड़ के सामानों की खरीदी का ठेका सीधे रायपुर से दे दिया गया है। यह काम रायपुर के व्यापारियों को मिलना साबित करता है कि सत्ता बदलने के बाद भी आऊटसोर्सिंग का सिलसिला जारी है। इस आऊटसोर्सिंग को लेकर अभी तक सत्ता पक्ष के द्वारा किसी भी प्रकार का कोई सवाल नही उठाया गया है वही विपक्ष इस मामले पर इसलिए मौन है क्योकि भाजपा के समय जो आऊटसोर्सिंग की परंपरा चल रही थी उसे ही कांग्रेस सरकार आगे बढ़ा रही है इसलिए इसका विरोध करने के लिए अभी तक सामने नही आये है। वही स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि कांग्रेस ने आऊटसोर्सिंक के मुद्दे पर चुनाव जरूर लड़ा लेकिन आज भी बस्तर का काम रायपुर से देकर उस परंपरा को कायम रखे हुए है।