सीएए कानून की उपयोगिता पर उठे सवाल, मोदी सरकार ने सभी अफगानियो को 6 महीने का ई वीजा दिया
मजबूत मोदी सरकार के रहते अफगानिस्तान की नयी सरकार पर पांच दिनों पर भी नही आया बयान
मोदी सरकार के द्वारा नया भारत बनाते बनाते जरूर नया अफगानिस्तान बन गया है, वहां पर तालिबान सत्ता पर काबिज जाने से सवाल गहराने लगा है कि भारत सरकार की अफगास्तिान में चल रही परियोजनाओं का क्या होगा, साथ ही मोदी सरकार के द्वारा 6 महीने के लिए सभी अफगानियो को ई वीजा देने से मोदी सरकार के द्वारा लाये गये सीएए कानून की उपयोग पर भी सवाल उठने लगे है, क्योकि इसमें मुस्लिम को छोड़ कर अन्य धर्म को ही भारत की नागरिकता देने की बात कही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अफगास्तिान की समस्या 6 महीनों में समाप्त नही होने वाली है, ऐसे में आये लोगों को वापस कैसे भेजा जायेगा।
देश में बढ़ती महंगाई के बीच मोदी सरकार के लिए अफगास्तिान में तालिबान सरकार आने से समस्या और गहरा गयी है, पांच दिन बाद भी मोदी सरकार तालिबान सरकार को लेकर अपनी कोई भी प्रक्रिया नही दी है? जबकि मोदी समर्थकों के द्वारा इस मामले पर पाकिस्तान के जगह अफगास्तिान भेजने की बातें जोर शोर से कही जा रही है, साथ ही देश की जनता को यह भी बताने का प्रयास किया जा रहा है कि जिन्हें पेट्रोल डीजल मोदी सरकार में महंगा लग रहा है वह भी अफगास्तिान जा सकता है वहां पर यह सस्ता है। मोदी सरकार ने अभी तक अपने समर्थकों की भाषा बोल कर अफगानिस्तान जाने के लिए बोरिया बिस्तर तैयार कर बैठे है उनके जाने की कोई इंतजाम के बारे में नही बताया है। वही दूसरी तरफ मोदी सरकार ने जरूर सभी अफगानियों के लिए 6 महीने का ई वीजा देने की बात कह करके भक्तों की मांग को पहले ही खारिज कर चुकी है, जो सोशल मीडिया में कह रहे थे कि हिन्दू व सिख के अलावा किसी को भी भारत नही आने दिया जाये। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि दूसरे मामले पर भी मोदी सरकार अफगानिस्तान के मामले पर भक्तों के सोच से विपरीत ही काम करेगी, क्योकि विश्व गुरू बनने का सपना अभी पूरी तरह से खत्म नही हुआ है। सभी अफगानियों को वीजा देने से मोदी सरकार की सीएए कानून की उपयोगिता पर भी सवाल गहराने लगा है जिसके जिसके विरोध में शाहिनबाग आंदोलन हुआ था, मोदी सरकार ने देश में विरोध कर रहे लोगों की नही सूनी लेकिन अफगानियों की समस्या को देखते हुए सभी को ई वीजा देने की बात कही है। शरणार्थीयों के तौर पर आने वाले अफगानियों को वापस भारत सरकार कैसे भेजेगी यह बड़ा सवाल है? क्योकि रोहिंग्या मुसलमान को लेकर लम्बे समय से राजनीति होने के बाद भी उन्हें अभी तक देश से बाहर नही भेजा जा सका है, तो अफगानियों को कैसे भेजेगें क्यो तालिबान का शासन सिर्फ 6 महीने ही नही चलने वाला है? विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद पिछले दरवाजें से तालिबान से चर्चा करने की खबरें आती रही थी, इसके बाद भी मोदी सरकार इस पूरे मामले पर मौन साधे हुए है।