May 1, 2025

क्या आईएएस  नियाज खान और विवेक अग्रिहोत्री की मुलाकात होगी?

अग्रिहोत्री ने टिप्पणी करने वाले आईएएस से मदद मांगी, मोदी सरकार से क्यों नही मांगी?

कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक अग्रिहोत्री और आईएएस नियाज खान क्या मिलेगें? यह सवाल राजनीतिक गलियारोंं के साथ ही आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन गया है क्योकि आईएसएस नियाज खान ने कश्मीर फाइल्स के लेकर पूर्व मेें भी टिप्पणी कर चुके है, इसके बाद उन्होंने मांग की है कि फिल्म की कमाई का पैसों को कश्मीरी ब्राम्हण, बच्चों और उनके लिए घरो के निर्माण के लिए डोनेट किया जायेे। जिस पर विवेक अग्रिहोत्री ने कहा है कि 25 मार्च को भोपाल आ रहा हूं। हम मिलकर बातचीत कर सकते है कि आपकी आईएएस की पावर मुझे कैसे मदद करती हैं। सवाल यह है कि कश्मीर पंडितों की वापसी का मुद्दा भाजपा का चुनावी वादा होने के बाद भी अगर विवेक अग्रिहोत्री को कश्मीर पंडितोंं की सहायता के लिए कश्मीर फाइल्स पर सवाल उठाने वाले आईएएस की सहायता की जरूरत पड़ रही है।  जो यही बता रहा है कि कश्मीर पंडितों का मुद्दा एक राजनतिक एजेंडा से ज्यादा कुछ नही है, भाजपा के लिए।
कश्मीर फाइल्स को लेकर मध्यप्रदेश प्रशासनिक सेवा अधिकारी नियाज खान पहले ही टिप्पणी कर चुके है कि अलग-अलग मौकों पर मुसलमानों के नरसंहार को देखाने के लिए एक किताब लिखने की सोच रहा हूं, ताकि निर्माता कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म बना सकें, ताकि अल्पसंख्यकों के दर्द और पीड़ा को भारतीयों के सामने लाया जा सकें। उन्होंने कहा कि कश्मीर फाइल ब्राम्हणों का दर्द दिखाती है, उन्हें पूरा सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए, निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए भी फिल्म बनानी चाहिए, मुसलमान कीड़े नहीं, बल्कि इंसान है और देश के नागरिक है। भाजपा के विधायक रामेश्ववर शर्मा ने रियाज खान की टिप्पणी को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने उनके कथन की स्पष्टीकरण लिये जाने की मांग करते हुए कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहते हुए सिर्फ एक वर्ग के लिए प्रति आपकी चिंता व्यक्त करना कही ना कही संघ लोक  सेवा आयोग के आचरण नियमों के विपरीत है। राज्य सरकार ने अपने विधायक के मांग को गंभीरता से लिया या ठंडे बस्ते में डाल दिया है। अभी यह स्पष्ट नही है वही विवेक अग्रिहोत्री भी आईएएस नियाज खान से मिलने की बात कह करके कही ना कही इस विवाद को और विस्तार ही दिया है।

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