राम मंदिर की तर्ज पर नेशनल हेराल्ड के गोलमाल की जांच तेजी से क्यों नही कर रही मोदी सरकार
क्या मोदी सरकार नेशनल हेराल्ड में हुई अनियमितता के मामले पर राहुल गांधी को जेल भेंज पायेगी, या फिर भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा विवाद सहित अन्य समस्याओं को देखते हुए मोदी सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय ने राहुल गांधी को पूछताछ करके देशवासियों का ध्यान भटकाने का प्रयास किया है? क्योकि मोदी सरकार ने गांधी परिवार पर देश बेचने का आरोप लम्बे समय से लगा रही है, केंद्र की सत्ता में आठ साल तक काबिज होने के बाद भी अभी तक गांधी परिवार को जेल भेजने में कामयाब नही हो सकी है।
देशवासियों का ध्यान भटकाने के लिए ईडी का गलत इस्तेमाल तो नही कर रही मोदी सरकार?
भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिये गये विवादित बयान की चर्चा देश व विदेश में हो रही है, इसके साथ ही रूपये में गिरावट का सिलसिला भी जारी होने से मोदी सरकार की कार्यशैली पर सवाल गहरा रहा है। ऐसे वक्त पर देशवासियों को ध्यान भटकाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के माध्यम से मोदी सरकार ने पूर्व कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को समन भेजा जाना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है? भारतीय राजनीति को देखते हुए मोदी सरकार को इस बात का पूर्वानुमान था कि कांग्रेसी इस पूछताछ़ का विरोध करने के लिए सड़कों में उतरेगें, ऐसे में उन्हें भ्रष्टाचारियों को बचाने के आरोप लगा कर घेरा जा सकता है, क्योकि गांधी परिवार को देश बेचने का आरोप आम जनता को आकर्षित कर रहा है। ऐसा हुआ भी और आशा के अनुरूप मेादी सरकार के तेज तर्रार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि जेा बेल पर है उन्होंने घोषणा की है कि आओ दिल्ली को घेरों, क्योकि हमारा भ्रष्टाचार पकड़ा गया है, एक इन्वेस्टिगेशन एजेंसी पर दबाव डालने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने विशेष आमंत्रित किया गया है, लेकिन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने यह नही बताया कि आठ साल के लम्बे वक्त के बाद भी अभी तक गांधी परिवार को भ्रष्टचार के मामले पर जेल में क्यो नही डाला जा सका है, या राम मंदिर की तर्ज पर ही गांधी परिवार के मामले की जांच तेजी में किन कारणों के चलते नही हो पा रही है? ईडी की इस पूछताछ के बाद भी राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड के मामले पर दोषी करार दिया जायेगा इसकी उम्मीद किसी को नही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जब यह दावा कर रही है कि कांग्रेसियों की यह भीड़ लोकतंत्र को बचाने के लिए नही गांधी परिवार को बचाने के लिए आयी है, क्या यंग इंंडिया को चैरिटी के लिए बनाया गया था, इस कंपनी ने एक भी चैरिटेबल एक्तिविटी नही की. अपनी 2000 करोड़ की संपत्ति बचाने के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है, अगर उनके आरोप राजनीतिक से प्रेरित नही है, तो मोदी सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह गांधी परिवार के गोलमाल के मामले पर जेल भेंजें। योगी सरकार के द्वारा शरू की गई नई कानूनी व्यवस्था बुलडोजर से या फिर कानूनी व्यवस्था से सजा दिलाये। क्योकि आम जनता में यह चर्चा भी आम हो गयी है कि भ्रष्टाचार का आरोप सिर्फ सत्ता पाने तक ही सीमित है सत्ता मिलते ही भ्रष्टाचार का मामला भूला दिया जाता है। मोदी सरकार पूर्व सरकारों से अलग है यह संदेश देने के लिए जरूरी है कि देश बेचने वाले गांधी परिवार को भ्रष्टाचार के मामले पर जेल भेजें, अन्यथा यही संदेश जायेगा कि नुपूर शर्मा विवाद व रूपये की गिरावट से देशवासियों का ध्यान भटकाने के लिए मोदी सरकार ने ईडी के सहारा लेकर गांधी परिवार को पूराने मामले पर समन भेंज कर देश की जनता को ध्यान भटकाने का प्रयास किया है। ज्ञात हो कि नेशनल हेराल्ड के स्वामित्व वाली कांग्रेस प्रायोजित यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हैं, जिसकी जॉच की जा रही है।