May 1, 2025

नये स्वरूप में महाराष्ट्र सरकार ने लाया वंदे मातरम विवाद को?

हैलो की जगह वंदे मातरम बोले के आदेश पर संघ क्यों है मौन?

पहले भाजपाई मुस्लिमों पर निशाना साधते ने लिए नारा लगाते थे कि देश में रहना होगा तो वंदे मातरम कहना होगा, इस नारे का महाराष्ट्र सरकार ने विस्तार देते हुए सरकारी आदेश जारी किया है कि सभी सरकारी कर्मचारियों को गांधी जंंयती से हैलो की जगह वंदे मातरम बोलना है। महाराष्ट्र सरकार के इस नये आदेश का विपक्षी दल व राजनीतिक पार्टियों ने विरोध किया है। लेकिन इस मामले पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की कोई प्रतिक्रिया नही आई है, जो कुछ दिनों पूर्व ही मस्जिद व मजार जा चुके है। वही सरकार ने यह भी स्पष्ट नही किया है कि जो सरकार के इस आदेश का पालन नही करेगा उसे क्या सजा मिलेगी?
हिन्दू- मुस्लिम विवाद को पैदा करने के लिए भाजपाई नये नये प्रयोग करते रहती है? क्योकि पूर्व में भाजपाईयों ने नारा दिया था कि भारत में रहना होगा वंदे मातरम करना होगा जिसको लेकर लम्बे समय तक भाजपा ने राजनीति की, और आज भाजपा सत्ता के शिखर तक पहुंच गई है। महाराष्ट्र में हिन्दुत्व के नाम पर शिवसेना व भाजपा की सरकार ने इस विवाद को एक नये रूप में फिर से देश व राज्य की जनता के बीच गांधी जयंती के दिन लाया है, कि अब सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों को हैली की जगह वंदे मातरम बोलना होगा। वैसे यह स्पष्ट नही हुआ है जो सरकार के इस आदेश का पालन नही करेगा उसे क्या सजा दी जायेगी, क्योकि इतिहास गवाह है कि सरकारी आदेश का धरातल में पूरी तरह से पालन बगैर सजा का डर दिखाएं पूरा नही किया जा सकता है। महाराष्ट्र सरकार के इस नये फरमान पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का कोई बयान नही आया है कि जिन्होंने देश में आपसी भाईचारा बढ़ाने के लिए मस्जिद व मजार में जाने के अलावा मुस्लिम बुद्धिजिवियों से भी चर्चा कर रहे है। लेकिन दूसरी तरफ भाजपा सरकार ऐसा काम कर रही है जिससे हिन्दू मुस्लिम विवाद बना रहे। नवरात्रि पर्व में आयोजित गरबा में मुस्लिम युवकों को पीटे जाने की भी कई खबरें आ रही है, जिस पर भी राजनीति हो रही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत अगर ईमानदारी से हिन्दू मुस्लिम में बढ़ती दूरियों को खत्म करना चाहते है तो मस्जिद व मजार जाने के साथ ही ऐसे सभी मामले पर खुल कर टिप्पणी करें जो विवाद हिन्दू मुस्लिम के दूरी बढ़ाने के लिए देश के किसी भी हिस्से में किये जा रहे हो, अन्यथा विगत दिनों की गई मस्जिद व मजार की यात्रा राजनीतिक फायदे के लिए की गई यात्रा के अलावा कुछ नही मानी जायेगी।

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