May 1, 2025

देश को नौकरशाह ही चला सकते है नेता नही

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आईएएस पर की गयी टिप्पणी भी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जूमला ही साबित हुई
सात नौकरशाहों को मंंत्रिमंडल में किया शामिल कर 10 अहम विभाग की जिम्मेदारी सौंपी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 फरवरी को लोकसभा में कहा था सब कुछ बाबू ही करेंगे। आईएएस बन गए इसका मतलब फर्टिलाइजर का कारखाना भी चलाएंगे, केमिकल फैक्टरी भी वही चलाएॅंगे, हवाई जहाज भी वही चलाएॅंगे, ये कौन सी बड़ी ताकत बना कर रख दी है हमने? बाबुओं के हाथ में देश देकर हम क्या करने वाले हैं। जिन आईएएस पर लोकसभा के अंदर प्रधानमंत्री टिप्पणी कर रहे थे, उसका प्रभाव मंत्रिमंडल विस्तार में बिलकुल भी नही दिखाई दिया ,सात पूर्व आईएएस अधिकारियों को मंत्री पद देकर देश को यह बता दिया कि अच्छे दिनोंं के तरह आईएएस को बाबू बताने की टिप्पणी भी एकजूमला ही थी। कोरोना की दूसरी लहर में मोदी सरकार की इमेज जो खराब हुई है उसे सुधारने की जिम्मेदारी पूर्व नौकरशाहों के कंधो में डाल दी है। मोदी सरकार ने आईबीआई गवर्नर, इंश्योरेस डेवेपलमेंट अथॉरिटी के डेड पर भी आईएएस अधिकारी का कब्जा होना बताता है कि प्रधानमंत्री को सर्वाधिक विश्वस आईएएस अधिकारियों पर ही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार पर पूर्व सात आईएएस अधिकारियों को मंत्री पद दिये जाने के बाद एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा में आईएएस को दी गयी टिप्पणी की चर्चा गर्माने लगी है जिसमें उन्होंने आईएएस के बारे मेें कहा था कि बाबूओं को हाथ में देश देकर हम क्या करने वाले है, लेकिन दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार के बाद प्रधानमंत्री ने अश्विनी वैष्णव,को सीधे रेल और टेलिकॉम मंत्रालय सौंप दिया वही हरदीप सिंह पुरी को शहरी विकास मंत्रालय के साथ ही पेट्रेलियम मंत्रालय दिया गया है, और आर के सिंह को पावर और रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री बना कर सौपी गयी है। जदयू कोर्ट से बने आसीपी सिंह भी पूर्व आईएएस अधिकारी है उन्हें स्टील मंत्रालय की जिम्मेदारी सौपी गयी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही कैबिनेट में है वह भी नौकरशाह है राज्यमंत्री सोम प्रकाश और अर्जुन मेघवाल भी पूर्व में नौकरशाह का हिस्सा रह चुके है को जिम्मेदाीर देकर बता दिया कि बाबू ही देश चला सकते है नेता नही, इसलिए नेताओंं से ज्यादा मोदी जी ने पूर्व नौकरशाहों पर विश्वास किया। राजनीतिक जानकारों का मानना है गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने किसी भी आईएएस को मंत्री पद नही दिया लेकिन मंत्रालय की समीक्षा बैठकों में वह मंत्री से ज्यादा तवज्जों नौकरशाह को देते थे। कोरोना की दूसरी लहर की तबाही के बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नौकरशाहों को देश की कमान सौंप कर स्पष्ट कर दिया कि देश को नौकरशाह ही चला सकते है नेता नही।

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