एनसीबी अधिकारी सचिन वानखेड़े को जांच से हटाया
एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े पर आर्यन खान के ड्रग्स मामले पर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने ऐसा जबरदस्त हमला बोला कि मोदी सरकार की इमेज का भारी नुक्सान होने के साथ ही देश में हुए उपचुनाव में भी भाजपा को इसका नुक्सान उठाना पड़ा। जिसके दवाब में मोदी सरकार ने महंगाई से राहत दिलाने के लिए एक तरफ जहां पेट्रोल व डीजल के दामों में कमी की वही दूसरी तरफ सचिन वानखेड़े को आर्यन ड्रग्स मामले के साथ ही नवाब मलिक के दामाद से जुडा एक मामले सहित 6 मामलों से हटा दिया जाना स्पष्ट करता है कि आर्यन मामले पर एनसीबी अधिकारी सचिन वानखेड़े की कार्यवाही से मोदी सरकार संतुष्ट नही है, गौरतलब है कि मीडिया खबरों के अनुसार गृहमंत्री अमित शाह भी इस पूरे मामले पर सचिन वानखेड़े से नाराज थे। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि रिया चक्रवर्ती की तरह ही आर्यन खान का ड्रग्स मामला भी मोदी सरकार के लिए बैकफायर कर गया है, जिससे मुक्ति पाने ही मोदी सरकार ने बेहत्तर समझा और सचिन वानखेड़े को इस मामले से ही दूर कर दिया, ताकि लोगों की नाराजगी को कम किया जा सके।
सचिन वानखेड़े मोदी सरकार और महाराष्ट्र सरकार के बीच फंसे
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने एनसीबी अधिकारी सचिन वानखेड़े के खिलाफ आर्यन मामले पर जिस तरह से आक्रामक रूख अपनाया। उससे मोदी सरकार की मुश्किलें बढऩे लगी, वही राजनीतिक जानकारों का कहना है कि एनसीबी के गवाह प्रभाकर सेल के द्वारा हलफनामें में इस पूरे मामले पर उगाही का आरोप एनसीबी पर लगा कर सचिन वानखेड़े के साथ ही मोदी सरकार को कठघरे में ही खड़ा कर दिया कि सुनियोजित तरीके से महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करके के लिए बॉलीवुड को निशाना बनाया जा रहा है, पूर्व में रिया चक्रवर्ती के माध्यम से भी बॉलीवुड को बदनाम करने की कोशिश एनसीबी द्वारा की गयी थी लेकिन सफलता नही मिल सकी। इस बार एनसीपी नेता नवाब मलिक खूलकर सामने आने से एनसीबी की परेशानी बढऩे के साथ ही मोदी सरकार भी निशाने में आ गयी। गौरतलब है कि एनसीबी के अधिकारी भी सचिन वानखेड़े की कार्यवाही पर सवाल उठाने के साथ ही दिल्ली मुख्यालय को भी इस मामले पर सही जानकारी नही दी गयी कि आर्यन के पास से ना ही ड्रग्स मिला और ना ही पैसा, नशे में नही होने के कारण उसका मेडिकल भी नही कराया गया। जिसके चलते मोदी सरकार भी खूलकर सचिन वानखेड़े का समर्थन करने से दूरी बनाने लगी, जो शुरूआती वक्त में साथ खड़ी नजर आ रही थी।
बॉजी पटल दी नवाब मलिक ने
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि एनसीपी नेता नवाब मलिक ने आर्यन खान मामले पर पूरी बॉजी ही पटल दी जिससे एनसीबी अधिकारी सचिन वानखेड़े के साथ ही मोदी सरकार की भी किरकिरी होने लगी तो इस मामले से मुक्ति पाने के लिए पेट्रोल डीजल में दाम में मामूली कमी करके जिस तरह जनता का हितैषी बनने की कोशिश मोदी सरकार ने की उसी तरह ही आर्यन ड्रग्स मामले पर सचिन वानखेड़े को अलग करके यह संदेश देने की कोशिश की कि जिस अधिकारी पर सवाल उठ रहे है उसे जांच से ही अलग करके ईमानदारी से जांच कराना चाहती है। एनसीबी का इस मामले पर बेहद ही सधा हुआ बयान आया कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व वाले मुंबई जोनल यूनिट के छह मामलों के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनायी गई है, ताकि मामले की तह तक जाकर जांच की जा सकें, इस टीम में एनसीबी के मुख्यालय के ऑपरेशन्स ब्रांच के अधिकारी शामिल होंगे।
आरोपों ने सभी का ध्यान खींचा
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने सचिन वानखेड़े पर आरोप लगाया कि जब से वानखेड़े विभाग में आए है उन्होंने अपनी एक प्राइवेट आर्मी खड़ी कर ली है। साथ ही ड्रग्स मामले पर समीर वानखेड़े को पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी बताते हुए ड्रग्स के फर्जी मामले पर करोड़ो रूपये की उगाही का आरोप भी लगाया , आर्यन खान मामले पर 25 करोड़ की उगाही की बातें कही जा रही है। नवाब मलिक ने वानखेड़े पर दुबई और मालदीव में भी उगाही का आरोप लगाया है।