मुस्लिम धर्म के बाद इसाई धर्म को बनाया जा रहा है निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ सबका विकास के नारे की हवा भाजपाशासित राज्यों में ही निकल रही है इसके बाद भी भाजपा नेता इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है। सवाल यह है भाजपाईयों को मोदी जी के हर काम का विरोध करने वालों पर सवाल उठाने वाले नेता इस नारे की फजीहत होने पर क्यो चुप्पी साधे रहते है। भाजपाशासित राज्यों में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने की घटनाओं के बाद क्रिसमस के अवसर पर चर्चा को भी निशाना बनाये जाने की घटनाओं ने देश दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। हरिद्धार धर्म संसद के वीडियों पहले ही सुर्खियां बटोर रहे है। सवाल यह है कि इन घटनाओं से देश का सम्मान दुनिया में बढ़ रहा है या घट रहा है यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनके मंत्रियों को बतानी चाहिए, क्योकि सिर्फ मामले से पल्लाझाड़ लेने से विवाद का पटाक्षेप नही हो जाता है।
विधानसभा चुनाव के तैयारियों के बीच मनाये गये क्रिसमस पर्व को लेकर भाजपाशासित राज्यों से जो खबरें निकल कर आयी, वह कही ना कही मोदी सरकार के सबका साथ सबका विकास के नारे की इज्जत उतारती हुई दिखाई दे रही है। अभी तक काऊ बेल्ट की राजनीति में हिन्दू मुस्लिम की राजनीति हो रही थी इसमें अब ईसाई भी शामिल होता दिखाई दे रहा है। क्रिसमस के अवसर पर आगरा में संटा का पुतला जलाये जाने के बाद गुरूग्राम जो खुले में नमाजा नही होने देने को लेकर कई हफ्ते से चर्चा का केंद्र बिन्दू बना हुआ है, वहां पर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने एक गिरजाघर में कथित तौर पर घुसकर क्रिसमस की प्रार्थनाओं में खलल डाला। हरियाणा के अंबाला शहर में रविवार को ईसा मसीह की प्रतिमा तोड़ गई। पुलिस इस घटना के सीसीटीवी फूटेज खंगाल रही है। जिस तरह से दक्षिणपंथी समूहों का कार्यकर्ता भाजपा शासित राज्यों में कानून को नजरअंदाज करके अपनी मनमानी कर रहा है उससे क्या देश की गरिमा में चार चाँद लग रहे है, जिसकी वजह से मोदी सरकार या राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नही की जा रही है ताकि इस तरह की घटनाओं पर विराम लग सके। हरिद्धार की धर्म संसद के विवादित वीडियों पहले ही देश व दुनिया में चर्चा का केंद्र बिंदू बने हुए है। जिसमें एक विशेष समुदाय को निशाना बनाने की बात कही गई है इसके बाद क्रिसमस के मौके पर घटी घटनाएं यही संकेत दे रही है कि मोदी सरकार जिस हिन्दुत्व के मुद्दे पर राजनीति करके सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश कर रही है वही मोदी जी के सबका साथ सबका विकास नारे को पंचर कर रहे है।