विवाद गहराने पर बीसीसीआई ने जांच दल का किया गठन
जो काम 70 सालों में कांग्रेस सरकार नही कर सकी वह मोदी सरकार में हो रहा है क्योकि अभी तक आईपीएल में सट्टा कारोबार से जूडे किसी भी कंपनी को टीम खरीदने का मौका पूर्व सरकारों ने नही दिया था लेकिन मोदी सरकार में आईपीएल की नई अहमदाबाद टीम को खरीदने वाली कंपनी सीवीसी कैपिटल पर विदेशी सट्टेबांज कंपनियों के साथ संबंध होने की बात पूर्व आईपीएल कमिश्रीर ललित मोदी लगाने के साथ ही सवाल उठाया कि क्या बीसीसीआई ने पुराने नियम बदल दिये है मोदी सरकार आने के बाद।
आईपीएल में अहमदाबाद टीम खरीदने वाली कंपनी सीवीसी कैपिटल पर विदेशी सट्टेबाज कंपनियों के साथ संबंध होने का आरोप आईपीएल के पूर्व चैयरमैन ललित मोदी ने लगाया था, लेकिन बीसीसीआई ने उसे गंभीरता से नही लिया लेकिन जब विवाद गहराने लगा तो बीसीसीआई ने जांच के लिए एक पैनल गठन करके मामले का पटाक्षेप करने की कोशिश की, लेकिन सवाल अपनी जगह कायम है कि ईमानदार मोदी सरकार के रहते आईपीएल में सट्टे से जूड़ी विवादित कंपनी ने कैसे टीम को खरीद लिया, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? यह उस वक्त हो रहा है जब गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह बीसीसीआई के सचिव पद पर काबिज है।
पूर्व कमिश्रर ललित मोदी पहले ही लगा चुके है आरोप
मोदी सरकार में क्या आईपीएल की अहमदाबाद टीम को सट्टेबांज कंपनियों से संबंध रखने वाली सीवीसी ने खरीदा है? क्योकि पूर्व आईपीएल के चैयरमैन ललित मोदी का कहना है कि सट्टेबंाजी कंपनियां आईपीएल टीम खरीद रही है, शायद कोई नया नियम आ गया है। बोली जीतने वाला एक बोलीदाता एक बड़ी सट्टेबांजी कंपनी का मालिक है, तो आगे क्या होगा? पूर्व कमिश्रर ललित मोदी ने आईपीएल में निजी इक्विटी फर्म सीवीसी कैपिटल्स पार्टनर्स के प्रवेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कंपनी निवेश सट्टेबाजी की गतिविधियों से जुड़ी कंपनियों में है। सीवीसी की वेबसाइट के अनुसार उनका निवेश टिपिकों और सिसल जैसे कंपनियों में है जो खेल सट्टेबांजी से जूड़े है। जबकि भारत में सट्टेबांजी वैध नही है। सीवीसी कैपिटल ने 5,625 करोड़ में अहमदाबाद टीम खरीदी थी। बीसीसीआई ने विवाद को बढ़ता देख इस पूरे मामले की जंाच कराने के लिए एक पैनल का गठन किया। बीसीसीआई का जांच में क्या सामने आता है इसका सभी को इंतजार है, लेकिन अहम सवाल यह है कि मोदी सरकार के रहते आईपीएल में सट्टेबाजी से जूड़ी कंपनी कैसे खरीदने में कामयाब रही, क्या आईपीएल की बोली लगाने से पूर्व बीसीसीआई ने बोली लगाने वाली कंपनियों की जांच नही की थी, क्योकि अगर पहले जांच की गयी होती तो आज विवाद की स्थिति नही पैदा होती। और यह सब उस वक्त हो रहा है जब गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह बीसीसीआई की कमान संभाले हुए है। इस पूरे घटना से कही ना कही मोदी सरकार की छवि पर भी असर पड़ा क्योकि ईमानदार मोदी सरकार के दौरान ही आईपीएल में सट्टे से जूडी कंपनी ने टीम खरीद ली जो कांग्रेस सरकार में नही खरीद पाये थे।
टी-20 विश्वकप में भारतीय टीम पहले ही राऊंड में बाहर हो जाने पर आईपीएल पर सवाल उठे थे लेकिन मोदी सरकार में आईपीएल का विस्तार किया गया है। आईपीएल 2022 के लिए दो नही टीम अहमदाबाद और लखनऊ को शामिल किया गया है। लेकिन अहमदाबाद टीम खरीदलने वाले सीवीसी कंपनी पर सट्टेबांजी के आरोप के बाद बीसीसीआई ने इस मामले की जांच कराने का फैसला लिया है।