May 2, 2025

मोदी भक्ति में सिंधिया ने अपने व अपने पिता को भी कठघरे में खड़ा किया

2014 से पहले पैसा देकर काम होता था यह बात ज्योतिरादित्य सिंधिया को कब पता चली, जानना चाहता है देश

मोदी सरकार के नये भारत में देश की राजनीति किस ऊचांई तक पहुंच गयी है, इसका प्रमाण नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के रायपुर प्रवास के दौरान दिखा। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले हर काम के लिए पैसे देने पड़ते थे, मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार को खत्म करने का काम किया। जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री थे। उनके पिता माधव राव सिंधिया में कांग्रेस की सरकार मेंं मंत्री थे। क्या वह भी काम करने के लिए पैसे लेते थे? उन्होंने कही ना कही अटल बिहारी बाजपेयी सरकार को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है, लेकिन भाजपाई मौन साधे हुए है।

अभिनेत्री कंगना राणावत ने कहा मोदी सरकार आने के बाद देश को असली आजादी मिली, उसी तर्ज पर ही कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शाामिल हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी रायपुर प्रवास के दौरान 2014 से पूर्व देश में हर काम के लिए पैसा देने पड़ते थे लेकिन मोदी सरकार आने के बाद भ्रष्टाचार खत्म हो गया है। श्री सिधिंया के बयान ने अटल बिहारी बाजपेयी सरकार भी सवाल उठाये क्योकि 2014 से पहले उनकी भी सरकार थी, जिस पर अभी तक भाजपा नेताओं की कोई प्रतिक्रिया नही आयी है। वही दूसरी तरफ इस बयान के माध्यय से वे स्वयं व उनके पिता पर भी सवाल खड़ा कर दिया है। वही ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस बात की जानकारी थी कि 2014 के बाद देश में भ्रष्टाचार खत्म हो गया था तो फिर उन्होंने कांग्रेस छोड़ कर 2019 का चुनाव भाजपा की टिकट पर क्यों नही लड़ा, कांग्रेस की टिकट पर हारने के बाद वह भाजपा में शामिल हुए। सवाल यह है कि उन्हें यह जानकारी कब मिली कि 2014 से पहले हर काम के लिए पैसा लिया जाता है और मोदी सरकार आने के बाद भ्रष्टाचार खत्म हो गया। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल नेता जिस तरह की बयानबांजी कर रहे है, वह अपने और अपने पिता को भी कठघरे में मोदी सरकार का भरोसा जीतने के लिए खड़ा कर रहे है। जनता कांग्रेसी नेताओंं के बयान को देख और समझ रही है, कि सत्ता के लिए नेता कितना गिर सकता है।

झूठ बोलने आये थे – कवासी लखमा

छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान पर घेरते हुए कहा कि 2014 से पहले वह केंद्रीय मंत्री थे, उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने क्या भ्रष्टाचार किया था। क्योकि जिस पर उंगली उठा रहे है उसका वह भी हिस्सा थे। वही कवासी लखमा ने कहा कि वह सिर्फ झूठ बोलने आये थे।

 

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