कृषि बिल वापसी से समीकरण बिगड़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की गिरती साख को बचाने के लिए आनन फानन में कृषि बिल की वापसी की घोषणा कर दी, लेकिन इसका लाभ विधानसभा चुनाव में मिलेगा इसकों लेकर मोदी सरकार के समर्थक एंकर सुशंात सिंन्हा को भी नही है, वही पद्म श्री कंगना राणावत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ करके मोदी सरकार की परेशानियों को बढ़ा दिया है। कृषि बिल वापसी की घोषणा से निश्चित ही एक साल से आंदोलन कर रहे किसानों के साथ ही कृषि बिल का विरोध कर रहे लोगों के चेहरे में खुशी छा गयी लेकिन कृषि बिल को लेकर मोदी सरकार के साथ खड़े लोगों में निराशा घर कर गयी है। कंगना राणावत ने कृषि बिल वापसी का विरोध किया वही एंकर सुशांत सिन्हा ने कहा कि आपने तो हताश होकर कानून वापस ले लिया, लेकिन हमारा क्या। हमारा तो शून्य कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि बिल वापसी करके कही अपने भक्तों को विरोधी तो नही बना लिया है, यह सवाल इसलिए गहराने लगा है क्योकि मोदी सरकार के साथ खड़ी नजर आने वाली अभिनेत्री कंगना राणावत ने कृषि बिल वापसी का गलत बताने के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ कर दी जिसकों लेकर भाजपा लम्बे समय से राजनीति करती आ रही है। कंगना ने इंदिरा गांधी को मोदी जी से ज्यादा राष्ट्रभक्त बनाया जिसने देश को टूटने नही दिया। वही एंकर सुशांत सिन्हा जो मोदी सरकार की तारीफ करते नही थक रहे थे लेकिन कृषि बिल वापसी के बाद कंगना राणावत की तरह ही वह भी मोदी सरकार पर निशाना साधने से नही चुक रहे है। सुशांत सिंह ने कहा कि वो कृषि कानून, जिसे लेकर एक साल में क्या से क्या नहीं हुआ। नरेंद्र मोदी कहते है कि हम वो कानून वापस लेते हैं। उन्होंने कहा कि वो लोग, जिन्होंने कानून पढ़ा, उसे समझा और उन्हें लगा कि चलों अब किसानों के लिए कुछ अच्छा होने जा रहा है। वे नरेंद्र मोदी के झुकने के साथ हार गये। कुछ किसानों को समझा नही पाने के कारण यह बिल वापस ले लिया। क्या आपको यूपी चुनाव में नुकसान हो जाता, पंजाब में नुकसान हो जाता। अभी कौन सा फायदा हो जाएगा? पंजाब में भले ही कांग्रेस को नुकसान हो जाए, लेकिन भाजपा को फायदा नही होने वाला। वही कंगना राणाावत ने पूर्व कांग्रेसी प्रधानमंत्री इंदिरा गंाधी की सराहना करते हुए कहा कि खालिस्तानी, आंतकवादी आज भले ही सरकार का हाथ मरोड़ रहे हों, लेकिन एक महिला को मत भूलना। एकमात्र महिला प्रधानमंत्री ने इन को अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। भले ही उन्होंने देश को कितनी भी तकलीफ दी हो, उन्होंने अपनी जान की कीमत पर उन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया था, लेकिन देश के टुकड़े नही होने दिए।
बिल वापसी से नुक्सान ही होगा
कृषि बिल वापसी की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनों के ही निशाने पर आ गये है, जो स्पष्ट संकेत दे रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की तरह ही कृषि बिल वापसी को लेकर जमीनी स्तर पर इसका आंकलन करना जरूरी नही समझा। कृषि बिल वापसी की घोषणा करने के बाद धरने पर बैठे किसान वापस जाने को तैयार नही है। राकेश टिकैत का कहना है कि संसद में बिल वापसी के बाद ही घर वापसी होगी। वही मोदी के समर्थन कंगना राणावत और एंकर सुशांत सिंन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बगावती तेवर दिखा कर स्पष्ट कर दिया कि कृषि बिल वापसी से मोदी से मोदी का ग्राफ बढऩे की जगह गिरा ही है। जिसका नुक्सान आगामी विधानसभा चुनाव में उठना पड़ेगा।