स्वामी प्रसाद मौर्य ने छोडी भाजपा,
दिल्ली में यूपी चुनाव को लेकर एक तरफ बैठक हो रही थी , वही दूसरी तरफ यूपी विधानसभा चुनाव के पूर्व योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा छोड़ कर सपा जाने को एक बड़ा झटका माना जा रहा है। जब यूपी में भाजपा के अंदर जब डबल इंजन की सरकार रामराज्य नही है तो फिर राज्य में कैसे रामराज्य आ सकता है? स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैंने दलित विरोधी, किसान विरोधी,और गरीब विरोधी सरकार से इस्तीफा दिया है।
यूपी चुनाव की घोषणा के बाद योगी सरकार ने मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़ कर सपा मेें जाने को एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है, क्योकि योगी सरकार के मंत्रियों का विश्वास जब भाजपा की वापसी से डगमगाने लगा है तो जमीन में आम जनता का विश्वास क्यो नही डगमगायेगा। गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव के पूर्व स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा का दामन छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे। और भाजपा विधानसभा का चुनाव जीतने मेें कामयाब रही थी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि डबल इंजन सरकार के बाद भी जिस तरह से यूपी विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा के अंदर व गठबधंन में दरार साफ दिखाई दे रही है, जो संकेत दे रही है कि यूपी में भाजपा की हालत धरातल में ठीक नही है, मीडिया में जरूर भाजपा की वापसी की बात कही जा रही है। भाजपा गठबंधन का हिस्सा रहे ओम प्रकाश राजभर ने भी भाजपा का साथ छोड़ कर सपा के साथ मिल गये है। जिन्हें भाजपा अपने पाले में लाने की हर संभव कोशिश की जा रही है। स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोडऩे पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है मैं नही जानता हूं। उनसे अपील है कि बैठकर बात करें,जल्दबाजी में लिए हुए फैसले अक्सर गलत साबित होते है। भाजपा कभी दूसरे पार्टी के नेताओं को अपने पाले में लाकर विरोधियों के हौसले पस्त करती थी लेकिन यूपी में इसी रणनीति का उपयोग दूसरी पार्टी के नेता करके भाजपा की हवा निकालने में कर रहे है।