रहस्यमय ड्रोन ने मोदी सरकार के सुरक्षा तंत्र की पोल खोल दी
नक्सली बस्तर ड्रोन गिराने का दावा कर रहे है, सुरक्षा एजेंसी जम्मू कश्मीर में ड्रोन नही गिरा पा रही
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के करीब आने के साथ ही जम्मू कश्मीर में ड्रोन की उड़ान का रहस्य भी गहराता जा रहा है। विगत कुछ दिनों में जम्मू कश्मीर में ड्रोन तीन बार उड़ान भर चुका है लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने ही ना ड्रोन का मार गिराने में सफल हो पायी है और ना ही ड्रोन का संचालन करने वालों तक ही पहुंच पाई है, ज्ञात हो कि विगत दिनों बस्तर में नक्सलियों ने ड्रोन को गिराने का दावा किया था। गृह मंत्रालय ने इस पूरे मामले की जांच एनआईए को सौंपने का फैसला लिया है। सवाल यह है कि पुलवामा हमले की जांच भी एनआईए के द्वारा ही करायी गयी थी लेकिन दोषियों तक अभी तक पहुंचा नही जा सकता है। चुनाव के पूर्व जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के बढऩे का रहस्य भी भारतीय मानस पर गहराने लगा है।
उत्तरप्रदेश चुनाव क पूर्व जम्मू कश्मीर में ड्रोन की दस्तक से एक बार राजनीतिक गलियारों में चर्चा गर्म होने लगी है। क्या राष्ट्रवाद का सहारा लेकर भाजपा एक बार फिर उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव की वैतारणी को पार करने की कोशिश कर रही है? क्योकि देश की कमान मजबूत हाथों में होने के बाद भी कैसे कोई संगठन तीन बार जम्मू कश्मीर में रहस्यमय ड्रोन उड़ रहा है जिसमें एक बार जम्मू हवाई अड्डे पर हमला करने में भी सफल रहा। गौरतलब है कि विगत दिनों बस्तर में नक्सलियों ने ड्रोन का गिराने का दावा किया था, जबकि सुरक्षा एजेंसी इस रहस्यमय ड्रोन को अभी तक गिरा पाने में असफल है। पुलवामा हमले की तरह एक बार फिर ड्रोन मामले पर पाकिस्तान को घेरने का प्रयास किया जा रहा है, इस हमले के लिए डीजीपी दिलबाग सिंह ने पाक के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा का हाथ होने की बात कही है। जांच में यह बात भी सामने आने का दावा किया जा रहा है कि ड्रोन का संचालन पाकिस्तान से किया जा रहा है। ऐसे हालातों में एक बार फिर पाकिस्तान को करार जवाब देने का दवाब बढ़ सकता है? सवाल यह है कि मोदी सरकार इन रहस्यमय ड्रोनों को नष्ट क्यों नही कर पा रही है, विश्व गुरू बनने वाले भारत के पास ड्रोन नष्ट करने की तकनीक नही है? लोकसभा चुनाव के पूर्व पुलवामा हमले ने देश की राजनीति बदल कर रख दी थी, क्या एक बार फिर उत्तरप्रदेश चुनाव के पूर्व जम्मू कश्मीर में ड्रोन की दस्तक का मामला राजनीतिक गलियारों में छाया हुआ है। रहस्यमयी ड्रोन का संचालन करने वालों तक अभी भी मजबूत सरकार की जांच एजेंसी क्यों नही पहुंच पायी है, यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब मोदी सरकार को देशवासियों को देना चाहिए। क्योकि मोदी सरकार आने के बाद यह दावा किया गया था कि देश की सुरक्षा तंत्र को मजबूती मिली है।