डेयरी उत्पाद के बाद एलपीजी में बढ़ा 50 रूपया
मोदी सरकार ने डेयरी उत्पाद दही, छाछ और लस्सी मेंं पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने के बाद देश की जनता को एलपीजी के दाम में 50 रूपये की एकमुश्त बढ़ोत्तरी करके महंगाई का दोहरा तोहफा दिया है, विपक्ष दल जरूर अपनी राजनीतिक हितों के मद्देनजर इस बढ़ोत्तरी को लेकर हो हल्ला मचायेगें लेकिन देश की जागरूक जनता हिन्दुत्व व देशहित में महंगाई के मुद्दे को भूला चुकी है। मोदी सरकार के आठ सालों में एलपीजी के दाम में दोगूना से ज्यादा बढ़ोत्तरी होने के बाद भी जनता पूरी तरह से खूश है, जिसके चलते भाजपा हर विधानसभा चुनाव जीतने के साथ ही महाराष्ट्र में शिवसेना के चार दर्जन से ज्यादा विधायक को तोड़कर सरकार बनाने में भी सफल हो गई। कांग्रेस 70 सालों तक शासन करने के बाद भी महगंाई के मुद्दे को खत्म नही कर पाई थी जिसका सहारा लेकर मोदी सरकार ने कांग्रेस को हराया था। मोदी सरकार कांग्रेस की इस गलती को दोहराना नही चाहती थी इसलिए उसने महगांई के मुद्दे को ही खत्म कर दिया ताकि कोई भी दल महंगाई के मुद्दे पर मोदी सरकार को ना हटा सकें।
जनता को सहयोग से मोदी सरकार ने एलपीजी के दाम दोगूना किये, सात सालों में
भाजपा ने मनमोहन सरकार को हराने के लिए महगांई को जरूर मुद्दा बनाया, जनता भाजपा के इस मुद्दे के बहकावे मेंं आ गई। मोदी सरकार ने इन आठ सालों में महगांई के मुद्दे को देश की राजनीति से खत्म करने के लिए देशहित व हिन्दुत्व का सहारा लिया। मोदी सरकार की यह रणनीति धरातल में कारगर भी साबित हुई। एलपीजी व पेट्रोल डीजल के दामों में दोगुनी बढ़ोत्तरी होने के बाद भी अब यह राजनीतिक मुद्दा नही है। जनता बढ़ती महंगाई के बाद भी हिन्दुत्व व देशहित को ध्यान में रखते हुए वोट कर रही है, जिसके चलते मोदी सरकार को भी महगांई बढ़ाने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नही आ रही है। विगत दिनों जीएसटी के दायरे से मुक्त डेयरी उत्पाद दही, छाछ और लस्सी को जहां 5 प्रतिशत जीएसटी में डाल दिया, जिससे इसके दामों में बढऩे का रास्ता साफ हो गया है, लेकिन मोदी की इस फैसला का जनता ने कही भी विरोध नही किया। जिसकों देखते हुए मोदी सरकार ने एलपीजी के दाम में 50 रूपये की बढ़ोत्तरी कर दी है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार ने देश की जनता को यह समझाने में कामयाब हो गयी है कि हिन्दुत्व व देशहित के बड़ी महगांई नही है। यह मुद्दा आम जनता को ही नही विपक्षी नेताओं को भी आकर्षित कर रहा है, इसलिए वह भी धीरे धीरे महंगाई के भूला करके हिन्दुत्व व राष्ट्रवाद के मुद्दे पर ध्यान केंद्रीत करके भाजपा में शामिल हो रहे है। महाराष्ट्र में शिवसेना के चार दर्शन विधायक मोदी सरकार में बढ़ती महंगाई को नजरअंदाज करेके हिन्दुत्व राष्ट्रवाद की मजबूती के लिए भाजपा के साथ खड़े हो गये है। भाजपा इसी मुद्दे के सहारे तेलंगाना में भी चुनाव जीतने की तैयारी में जुड गई है, क्योकि महंगाई की बात करने वाला देशद्रोही की श्रेणी में शामिल होने का खतरा बढ़ता जा रहा है।