May 1, 2025

प्रधानमंत्री की मेहनत पर चुनाव आयोग पानी फेर सकेगा?

यूपी में शिलान्यास व उद्घाटन के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीतकालीन सत्र में कुछ घंटे ही शामिल हुए

इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा चुनाव आयोग से आगामी विधानसभा को स्थगित करने और चुनावी रैलियों और सभाओं को रोकने का आग्रह किया है। इसके बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा गर्माने लगी है कि क्या विधानसभा चुनाव को आगे बढ़ाये जायेगें? मोदी सरकार पर की कार्यशैली को जानने वाले लोगों का मानना है कि कुछ कागजी तैयारियों के साथ ही समय पर ही विधानसभा चुनाव आयोग करायेगें, क्योकि अगर चुनावों की तारीख आगे बढऩे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किये गये शिलान्यास और उद्घाटन के साथ ही सपा के करीबियों पर मारे गये ईडी के छापे की उपयोगिता पर समय गुजरने के साथ धूमिल हो जायेगी, जो किसी भी कीमत पर मोदी और योगी सरकार नही चाहेगी।
देश मेें ओमिक्रोन के बढ़ते मामले को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आगामी विधानसभा चुनावों को आगे बढ़ाने की अपील चुनाव आयोग से की है। जिसके चलते चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त सुशील चंद्र ने कहा कि इस संबंध में अंतिम निर्णय अगले सप्ताह लिये जाने की बात कही है। वही राजनीतिक जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव आगे बढऩे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा यूपी में विगत एक महीने में किये गये शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रमों की उपयोगिता कमजोर पड़ जायेगी, वैसे भी जनता की याददास्त कमजोर होती है यह बात हर राजनीतिक दल जानते है और मोदी सरकार इस बात से पूरी तरह से अवगत है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के साथ ही पूर्वाचल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण के साथ ही गंगा एक्सप्रेस वे और अन्य कई परियोजनाओं का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों के द्वारा भारी भव्यता के साथ किया गया है। वर्तमान में भी यह शिलान्यास और लोकार्पण का सिलसिला जारी है। वही दूसरी तरफ यूपी में भाजपा के मुख्य प्रतिद्वंदी सपा की करीबियों के यहां ईडी के द्वारा छापा मार कर आर्थिक रूप से कमजोर करने की रणनीति पर भी काम कर रही है, क्योकि लोकतंत्र में चुनाव बगैर पैसों के संभव नही रह गाया है। गौरतलब है कि पिछले यूपी चुनाव के पूर्व मोदी सरकार ने नोटबंदी करके विपक्षी दलों की आर्थिक कमर तोड़ दी थी, जिसका फायदा भी मिला और यूपी में तीन सौ से ज्यादा सीटों पर भाजपा जीतने में सफल रही। इस बार ईडी के माध्यम से सपा को निशाना बनाया जा रहा है। यह सभी कोशिश विधानसभा चुनाव में भाजपा की चुनावी वैतारणी को पार लगाने के लिए की जा रहा है, ऐसे हालातों में अगर चुनाव आयोग विधानभा चुनाव को आगे बढ़ा कर रा ज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करता है, तो मोदी और योगी सरकार की पूरी रणनीति पर पानी फिर जायेगा, इसलिए पूरी संभावना है कि कुछ कागजी तैयारियों के साथ ही समय पर चुनाव आयोग चुनाव करायेगा। जिसकी तैयारी भी योगी सरकार ने शुरू कर दी है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधो पर ऑमोक्रोन को रोकने की जिम्मेदारी के साथ ही यूपी विधानसभा चुनाव को जीताने की भी दोहरी जिम्मेदारी है। दोनों काम एक साथ किसी भी हालत में संभव नही है। बंगाल चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सभाओं को कोरोना के बढ़ते मामले के बीच भी जारी रखी थी जबकि राहुल गांधी ने अपनी सभाआं को रद्द कर दिया था। काफी विरोध के बाद प्रधानमंत्री ने बंगाल में अपनी सभाओं को रद्द किया था। जो बताता है कि चुनाव को लेकर मोदी सरकार कितनी गंभीरता से लड़ती है। वह जान है तो जहान है का नारा भूल जाती है।

नाईट कफ्र्यू लगा

हाईकोर्ट की विधानसभा चुनाव को आगे बढ़ाने की टिप्पणी के बाद यूपी सरकार ने पाबंदियां फिर से लगानी शुरू कर दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 25 दिसंबर से नाइट कफ्र्यू लगाने का आदेश दिया है। ये कफ्र्यू रात के 11 बजे से सुबह 5 बजे तक रहेगा, साथ ही शादी समारोहों में 200 लोगों को आने की इजाजत दी गयी है। उत्तरप्रदेश में ओमिक्रॉन के दो मामले सामने आये है।

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