चीन ने कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक में टिप्पणी की, मोदी सरकार ने आचोलना करके मामले को रफा दफा किया
भाजपा नेताओं का दावा करते नही थकते है कि मोदी सरकार आने के बाद दुनिया में भारत का कद बढ़ा है, लेकिन दूसरी तरफ कश्मीर मामले पर पाकिस्तान के साथ ही साथ चीन भी टिप्पणी करने लगा है। इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर हम कई इस्लामिक दोस्तों की आवाज सुन रहे हैं, चीन की भी इसे लेकर यही इच्छा हैं, उन्होंने इस्लामी दुनिया को विश्वास दिलाया कि समर्थन जारी रहेगा। गौरतलब है कि कोरोना काल में चीन द्वारा लद्दाख क्षेत्र में किये गये अतिक्रमण को मोदी सरकार दो साल बाद भी खाली नही करा पायी है, जबकि दोनों देशों के बीच इस मामले को लेकर 15 दौर की बातचीत हो चुकी है, इसके बाद भी चीन पीछे हटने का तैयार नही है। इसके बाद भी मोदी सरकार चीन मामले पर पाकिस्तान की तरह आक्रामक नजर नही आ रही है। भारत ने एक बार फिर कश्मीर मामले पर चीन के विदेश मंत्री के बयान की आलोचना करके मामले केा रफा दफा करने का प्रयास करती दिखाई दे रही है। सवाल यह है कि देश में भाजपाइ्र्र नेता यह दावा करते है कि दुश्मन देशों को उसी की भाषा में जवाब दिया जायेगा, तो क्या चीन भारत का दोस्त है जो अभी तक मोदी सरकार चीन की भाषा में जवाब देना जरूरी नही समझा है।
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मोदी सरकार के नेताओं का बयान नही आया
इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बयान पर मोदी सरकार के नेताओं का बयान आने की जगह भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम चीन के विदेश मंत्री के उद्घाटन समारोह में दिए गए भाषण में भारत के अवांछित जिक्र की आलोचना करते हैं, उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से जुड़े मामले पूरी तरह से भारत के आंतरिक मामले हैं. चीन समेत दुनिया के किसी भी देश को इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं हैं, उन्हें इस बात का ध्यान देना चाहिए कि भारत दूसरे देशों के आंतरिक मामले पर टिप्पणी नहीं करता है। सवाल यह है कि मोदी सरकार पाकिस्तान को लेकर जैसी आक्रामक नजर आती है वैसी आक्रामकता चीन को लेकर क्यों नही दिखाई देती है जबकि चीन अरूणाचल प्रदेश में भारतीय सीमा पर एंक्लेंव का निर्माण करने के साथ ही जगहों के नाम बदलने का काम भी कर रहा है। फिर भी मोदी सरकार मौन साधे हुए है, हालात यह है कि इस मामले पर सरकार के मंत्रियों ेक बयान आने की जगह विदेश मंत्रालय के प्रवक्ताओं के ही बयान आते है। मोदी सरकार आने के बाद जब दुनिया में भारत का कद बढ़ा है तो फिर देश के आंतरिक मामले पर क्यों दूसरे देश दखलंदाजी करने का साहस कर रहे है। इसमें भारत का पड़ोसी देश चीन सबसे आगे है।