प्रशासन जमीनी स्तर पर लॉकडाउन का पालन करा पायेगी, क्योकि धारा 144, व नाईट कफ्र्यू का पालन कराने में असफल ही साबित हुई।
नेता व अधिकारियों ने भी कोरोना गाईडलाइन का पालन नही किया, लेकिन घरों में कैद जनता को होना पड़ेगा!
लॉकडाउन कोरोना का इलाज नही है यह बात रहे अधिकारी व नेता जनता है इसके बाद भी कोरेाना संक्रमण को छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य हिस्सों में रोकने के लिए लॉकडाउन का ही सहारा लिया जाना साबित करता है कि सरकारी व्यवस्था इतनी लचर हो गयी है कि वह कोरेाना संक्रमण को नही रोक सकती है इसलिए सरकार ने जनता को ही एक बार फिर घरों में कैंद करने का फैसला ले रही है।
कोरेाना संक्रमण को रोकने लिए मोदी सरकार ने लॉकडाउन की नयी व्यवस्था शुरू की, जिसकों लेकर अभी तक राजनीतिक गलियारों में इसके जवाब तलाशे जा रहे है, एक साल बाद कोरेान की दूसरी लहर देश में सुनामी का रूप धारण करके आयी है, देश में प्रतिदिन ढेड़ लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित मामले मिल रहे है वही छत्तीसगढ़ में भी 15 हजार से ज्यादा मामले का मिलना साबित करता है कि छत्तीसगढ़ भी पूरी तरह से सुनामी की चपेट में है। सरकारों का दावा था कि कोरेाना की पहली लहर के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिससे कोरोना राज्य व देश में ज्यादा नुक्सान नही पहुंचा सका। एक साल बाद कोरेाना की दूसरी लहर ने साबित कर दिया कि स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के किये गये दावे कितने खोखले है? हालात यह है कि कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार करने में सरकार के पसीने छूट रहे है तो उपचार की बात ही करना बेमानी होगी। ऐसे विषम हालातों में सरकार ने एक बार फिर लॉकडाउन लगा कर कोरोना रोकने का फैसला लेकर साबित कर दिया है कि कोरेाना ने उन्हें कितना पंगू बना दिया है, कि उन्हें मालूम हेै कि लॉकडाउन कोरोना का इलाज नही है इसके बाद भी उनके पास कोई और दूसरा रास्ता नही बचा है। छत्तीसगढ़ में अधिकांश जिलों में लॉकडाउन की घोषणा करके जनता को घरों में जनता को एक बार फिर कैंद करने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि नेता व अधिकारी, कोरोना के तय गाईडलाईन का पालन करते नजर नही आये, उन पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही किया जाना साबित करता है कि लोकतंत्र में हर समस्या के लिए अधिकारी व नेता जनता को जिम्मेदारी तय कर देते है। सवाल यह है कि क्या लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण को रोका जा सकेगा क्योकि अभी तक सरकार के द्वारा कोरेाना रोकने के लिए किये गये सभी उपाय असफल ही साबित हुए है ऐसे में लॉकडाउन कैसे कारगर होगा?
देश में कोरोना संक्रमण के सारे संसाधन मौजूद है