May 1, 2025

नक्सली किले को कोरोना ने आसानी से भेदा

जिस काम को राज्य व केंद्र सरकार दशकों में नही कर सकी वह काम कोरोना ने कर दिखाया
कोरोना की दूसरी लहर में नक्सली संगठन में भी भारी तबाही मचाई, मोस्ट वॉटेड नक्सली विनोद हेमला की कोरोना से हुई मौत
रमन्ना के बेटे के बेटे रंजित के भी आत्मसमर्पण करने की खबर

बस्तर के लिए नासूर बन चुकी नक्सली समस्या के दशकों से राज्य व केंद्र सरकारें प्रयास कर रही है,जिसके चलते बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती भी बस्तर में की गयी है, इसके बाद भी सुरक्षा बल बड़े नक्सली कमांडर तक नही पहुंच सके। लेकिन कोरोना की दूसरी तरह से एक बार फिर उम्मीद बंधी है कि बस्तर फिर से नक्सलमुक्त हो सकेगा, क्योकि कोरोना की दूसरी लहर ने बस्तर के नक्सली संगठन के अंदर भी जम कर तबाही मचाई है, जिन बड़े नक्सलियों को पुलिस दशकों से तलाश कर रही है उन्हें कोरोना ने तलाश करके अपनी आगोश में लेने की खबरें सामने आ रही है। पुलिस और एनआईए को झीरमघाटी व भीमा मंडावी हत्याकांड में शामिल जिस मोस्ट वांटेड नक्सली डीवीसीएम विनोद हेमला उर्फ हुंगा की तलाश थी उसकी कोरोना से मौत होने का दावा पुलिस प्रशासन ने किया है, जो स्पष्ट करता है कि कोरेाना ने नक्सली संगठनों में भी अपनी मजबूत पैठ बना ली है, जंगलों में बेहत्तर उपचार की सुविधा नही होने के कारण नक्सलियों को या तो जान गंवानी पड़ रही है या आत्मसमर्पण करने को मजबूर होना पड़ रहा है। पुलिस प्रशासन ने आत्मसमर्पण नक्सलियों को कोरेाना की वैक्सीन लगा कर एक बेहत्तर संदेश देने का प्रयास कि अगर कोरोना से बचना है तो आत्मसमर्पण से बेहत्तर रास्ता नही है। इसी कड़ी में नक्सली कमांडर रमन्ना के बेटे रंजित के तेलंगाना में सरेंडर होने की खबर आ रही है, जो स्पष्ट करता है कि केंद्र व राज्य सरकार जिस नक्सली किले को भेद नही पाये उस किले को कोरोना ने आसानी से भेद दिया है जिससे नक्सलियों में भगदड़ मची हुई है।

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