May 1, 2025

कोरोना को लाभ पहुंचाने के लिए बंगाल में आठ चरणों में कराया गया चुनाव?

विपक्ष भाजपा को लाभ पहुंचाने का लगाया था आरोप
लोकतंत्र में जनता से ज्यादा चुनाव जरूरी है, चुनाव आयोग ने चुनाव रद्द करने से किया इंकार

चुनाव आयोग को देश में प्रतिदिन दो लाख कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने से ज्यादा पश्चिम बंगाल के चुनाव की चिंता सता रही है, चुनाव आयोग ने एक बार फिर कोरोना के नियमों का पालन करने की औपचारिकता निभाने के निर्देश देकर विधानसभा चुनाव केा टालने से मना कर दिया है। चुनाव प्रचार में आयोजित सभाओं व रैलियों मेें कोरोना की गाइडलाइन का पालन होगा? यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब चुनाव आयोग के अतिरिक्त सभी कोई जानता है। चुनाव आयेाग अगर अपनी बनायी गये कोरोना गाइडलाइंस को लेकर गंभीर होता तो अभी तक कई नेताओं जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह सहित कई नेताओं पर कार्यवाही हो गयी होती लेकिन ना पूर्व चुनाव आयोग कार्यवाही करने का साहस कर पाया है और ना भविष्य में करेगा।
परीक्षा से कोरोना फैल सकता है इसलिए उसे रद्द कर दिया गया है, लेकिन चुनाव से कोरोना नही फैलता है इसलिए चुनाव आयोग ने एक बार फिर राजनीतिक दलों के नेताओं को कोरोना नियमों का पालन करने के दिशा- निर्देश देकर पश्चिम बंगाल चुनाव रद्द करने से मना कर दिया है, जो इस बात का प्रमाण है कि 10 व 12 की परीक्षा सरकार कोरोना नियमोंं का पालन करा करके नही आयोजित कर सकती है ,लेकिन चुनाव आयोग को इस बात की उम्मीद है कि राजनीतिक दल चुनावी रैलियों व सभाओं में कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए चुनाव प्रचार कर लेगें। चुनाव आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव के पूर्व ही कोरोना गाइडलाइन का उल्लेख जरूर किया गया था लेकिन किसी भी राजनीतिक दल द्वारा इसका पालन नही किया गया। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह जैसे प्रमुख लोग ही चुनाव आयोग के गाइडलाइन का उल्लंधन कर रहे है तो अन्य दलों से कैसे उम्मीद की जा सकती है कि कोरोना की गाइडलाइन का पालन करेगें? चुनाव आयोग के द्वारा पश्चिम बंगाल का चुनाव आठ चरणों में कराया जाना भी देश के लिए भी भारी नुक्सानदायक साबित हो रहा है, चुनाव आयोग के द्वारा बंगाल का चुनाव आठ चरणों में कराये जानेे को लेकर विपक्षी दलों ने सवाल भी उठाये थे कि भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए इतना लम्बा चुनाव कराया जा रहा है, लेकिन अब लगता है कि कोरेाना को लाभ पहुंचाने के लिए चुनाव आयोग ने आठ चरणों में चुनाव कराने का फैसला लिया था, हरिद्वार कुंभ के लिए बनायी गयी कोरोना गाइडलाइन रद्दी ही साबित हो रही है। विगत दो दिनों से लगातार दो लाख से ज्यादा के मामले आना साबित करता है कि कोरोना संक्रमण देश में बेकाबू हो गया है, जिसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए लेकिन चुनाव आयेाग ने कोरोना सुनामी के बीच भी पश्चिम बंगाल चुनाव को रद्द नही करने का फैसला लेकर साबित कर दिया कि लोकतंत्र में जनता से ज्यादा महत्वपूर्ण चुनाव है।

भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए आठ चरणों में चुनाव कराये जा रहे है पश्चिम बंगाल में?

आठ चरणों में चुनाव कराने के बाद भी हिंसा नही रोक सका चुनाव आयोग?

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