भाजपा नेताओं को किसानों का विरोध पसंद नही आ रहा है, दहशत पैदा करने के लिए विरोध करने वाले किसानों को गाड़ी से कुचला गया
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के पूर्व योगी सरकार के रामराज्य में जिस तरह की घटनाएं घटित हो रही है, उन्होने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साढ़े चार साल की बनायी गयी झूठी इमेज की जमीनी सच्चाई जनता के सामने रख दी है। योगी सरकार में ना ही गुंडागर्दी ही खत्म हो सकी है और ना ही हिन्दू सुरक्षित है, भ्रष्टाचार की बात करना ही बेमानी है क्योकि राम मंदिर जमीन खरीदी में ही गोलमाल की खबरें सामने आयी लेकिन जिसे योगी सरकार ने दबा दिया। लखीमपुर खीरों में किसान आंदोलन को कुचलने के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री अजय सिंह के बेटे अशीष मिश्र नाम आने से स्पष्ट हो गया है कि योगी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर सत्ता का गुंडाराज अपने चरम पर है, वही दूसरी तरफ गोरखपुर में योगी सरकार के समर्थक मनीष गुप्ता की पुलिस ने मार मार कर हत्या करके स्पष्ट किया कि योगी सरकार के समर्थक भी सुरक्षित नही है। मंहत नरेंद्र गिरी की आत्महत्या इस बात का प्रमाण है कि योगी सरकार में साधु संतो की भी समस्याओ का निराकरण नही हो पा रहा है तो आम जनता की समस्याओं का निराकरण कैसे होगा।
योगी सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही है, पहले महंत नरेंद्र गिरी की आत्महत्या ने योगी सरकार के हिन्दुत्व के एजेंडा को नुक्सान पहुंचाया कि राज्य में साधु संतो की समस्याओ का भी निराकरण कर पाने में योगी सरकार पूरी तरह से असफल होने के कारण उन्हें आत्महत्या करना पड़ रहा है। गोरखपुर में व्यापारी मनीष गुप्ता को पुलिस द्वारा पीट पीट कर हत्या कर दिये जाने से पुलिस गुंडागर्दी सार्वजनिक हो गयी, जिसका दावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे थे कि उनके राज्य में गुंडागर्दी खत्म हो गयी है। इन दोनों मामले की सीबीआई जांच चल ही रही है कि लखीमपुर खीरों में केंद्रीय राज्यमंत्री अजय सिंह के बेटे द्वारा किसान आंदोलन को कुचलने के लिए किसानों पर गाड़ी चढ़ा देने की घटना सामने आने से योगी सरकार पूरी तरह घिर गयी है। किसान आंदोलन के चलते ही पहले ही योगी सरकार परेशान थी, इस घटना से योगी सरकार का किसान प्रेम पूरी तरह से तारतार हो गया है।
किसानों का विरोध पंसद नही आ रहा था
किसान आंदोलन के चलते भाजपा नेताओं के बहिष्कार का सिलसिला जारी है, इसी क्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर खीरों के कार्यक्रम की जानकारी मिलने पर किसानों ने हेलिपैड पर कब्जा कर लेने से सड़क रास्ते से मंत्री का काखिला तिकोनिया चौराहे से निकला जहां किसानों द्वारा काले झंडे दिखा कर विरोध किया गया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान काफिले में चल रही गांडी ने किसानों पर चढ़ा दिया । जिसके बाद से उत्तरप्रदेश के साथ साथ देश की राजनीति गर्मा गयी है। किसानों को शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने की स्वतंत्र भारत में इस तरह की पहली कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसी तरह का रामराज्य लाना चाहते है जहां पर जनता की नही सिर्फ शासकों के ही आदेश चलेगा?
मंत्री जी पूर्व में भी विवादित बयान दे चुके है
केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने कुछ दिनों पूर्व कहा था कि हम अपनी पर आ गए तो हम क्या कर सकते है? यह सब जानते हैं, सुधर जाओं, नही तो सामना करो वरना हम सुधार देंगे दो मिनट लगेंगे। जिसके चलते क्षेत्र में पहले ही तनाव की स्थिति बनी हुई थी, ऐसे हालातों में बनवारी गांव में आयोजित कुश्ती प्रतियोगिता की शुरूआत करने जा रहे थे, जो एक बड़े विवाद में तब्दिल हो गया।
भूपेश बघेल व चरणजीत सिंह चन्नी को लखनऊ उतरने से रोका
लखीमपुर ङ्क्षहसा के बाद विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर हो गया है, जिसकों देखते हुए योगी सरकार ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हैलिकॉप्टर के लखनऊ में उतरने की अनुमति नही दी। जिस पर श्री बघेल ने कहा कि क्या उत्तरप्रदेश में नागरिक अधिकार स्थगित कर दिया गया है? धारा 144 लखमीपुर में है तो लखनऊ उतरने से क्यो रोका जा रहा है। गौरतलब है कि योगी सरकार ने प्रियंका गांधी को भी लखीमपुर जाने से रोक और बीच रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया।
आरोप प्रत्यारोप की राजनीति चरम पर
हादसे के चश्मदीद गवाह संयुक्त मोर्चा के सदस्य पिंडर सिंह सिद्धू ने बताया कि माहौल ठीक था, करीब ढ़ाई बजे अजय मिश्र जी का बेटा कुछ गुंडो के साथ आया और जो किसान वहां अपने झंडे लेकर घूम रहे थे, उन पर अपनी गाड़ी चढ़ाने के साथ ही गोली बारी भी की, जिसमें चार किसान शहीद हो गये। जिन किसानों ने वोट दिया है उने प्रदर्शन पर गाड़ी चढ़ाना रौंदना कहां की संस्कृति हैं, ये सत्ता का नशा है। वही मंत्री के बेटे अशीष मिश्र का कहना है कि हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है और किसान आरोप लगा रहे है कि हमारी गाड़ी ने किसानों को रौंदा है? हम लोगों को इस बात का अंदाजा नही था कि इस प्रकार की घटना होगी हमें तो लगा कि कालें झंडे दिखाएंगे लेकिन किसी की हत्या होने का आभास नही था।
सरकार उकसाने का प्रयास कर रही है – राकेश टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने लखीमपुरा खीरों की घटना पर कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदेलन को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। हमें किसी के उकसावे में नही आना है। संयमित होकर विरोध प्रदर्शन जारी रखें, सरकार किसानों को उकसाने का काम कर रही है, लेकिन हमें उग्र नही होना है।
गोदी मीडिया को ड्रग्स की चिंता
लखीमपुर में हुए हिंसक घटना में चार किसानों तथा चार भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हुई है, लेकिन मीडिया में शाहरूख खान के बेटे के ड्रग्स की खबर हावी होने पर कुमार विश्वास ने कहा कि जब देश में हर दल के नेता-समर्थक बुद्धिजीवी बस मजे में है तो मैं इस सबकों देखकर इतना बैचेन क्यो हो जाता हूं। वही डायरेक्टर अविनाश दास ने कहा कि कोई भी देश अपनी किस्मत खुद ही लिखता है। अगर लखीमपुर की घटना के बाद भी बीजेपी को शासन करने का हद जनता देती है तो मान लीजिए इस देश का कुछ नहीं हो सकता है। पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने इस घटना पर योगी अदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की है।
तीसरी सीबीआई जांच की तैयारी
योगी सरकार पर विगत कुछ समय से समस्याओं के घिरी हुई है और इन समस्याओं के निराकरण के लिए सीबीआई जांच कर सराहा लेकर जनता को यह संदेश देने प्रयास कर रही है कि दोषियों को सजा मिलेगी। इसी कड़ी में लखीमपुर खीरी में किसानों के ऊपर मंत्री के बेटे अशीष मिश्र के गाड़ी चढ़ाने का नया मामला सामने आया है, जानकारों को उम्मीद है कि इस मामले भी जांच के लिए योगी सरकार सीबीआई से सिफारिश करेंगे।