विधानसभा चुनाव के मद्देनजर योगी सरकार इस लखीमपुर मामले को किसान बिल की तरह लम्बा नही खींचना चाहती है
कृषि बिल को लेकर किसान और सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत असफल रही, लेकिन लखीमपुर खीरी में घटी घटना को लेकर किसानों व प्रशासन के बीच हुई पहलेे ही बैठक में समझौता हो गया, जो इस बात का संकेत देता हेै कि चौतरफा इस मुद्दे पर घिरी योगी सरकार इस मामले को जल्द से जल्द खत्म करना चाहती है। इस घटना में मारे गये किसानों को 40 लाख रूपये का मुआवजा के अलावा 5 लाख का बीमा के साथ ही मृतकों के आश्रितों को नौकरी दी जायेगी, 8 दिनों में आरोपियों को अरेंस्ट के साथ घायलों को 10 10 लाख रूपये की सहायता राशि दिये जाने का वादा किया गया। इसके अलावा इस पूरे मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच की कराये जाने का वादा भी किया है।
अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की राकेश टिकैत ने
शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे किसानोंं को गाड़ी से कुचलने के मामले पर केंद्रीय राज्य मंत्री अमित मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा का नाम आने के बाद से प्रदेश की राजनीति गर्मा गयी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की है। वही विपक्षी दल के कई नेताओं को घटना स्थल जाने से रोकने के गिर$फतार कर लिया गया है। योगी सरकार का कहना है कि विपक्षी दलों का 2022 के विधानसभा चुनाव का सफर लाशों पर नहीं हो सकता है। किसी को भी माहौल बिगाडऩे की इजाजत नही दी जाएगी।
वरूण गांधी ने सीबीआई जांच की मांग की
किसान आंदोलन पर बेबाकी से अपनी बात रखने वाले भाजपा सांसद वरूण गांधी ने लमीखपुर खीरी की घटना में भी योगी सरकार को एक बार फिर पत्र लिख कर इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग करने के साथ ही पीडि़त परिवारों को एक एक करोड़ रूपये की सहायता राशि दिये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि महात्मा गाधी के जन्मदिन के दूसरे दिन ही किसानों के साथ इस तरह की बर्बरता को किसी भी हालत में सही नही करार दिया जा सकता है। किसान भी हमारे अपने भाई है और वे अपनी मांगोंको लेकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अंतर्गत विरोध प्रदर्शन कर रहे है तो उनका साथ दिया जाना चाहिए और उनकी बातें सुनी जानी चाहिए।