महंत की आत्महत्या ने भी योगी सरकार की परेशानियों को बढ़ाया
बचे कुछ महीनें में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंहत नरेंद्र गिरी के दोषियों को कैसे सजा दिला पायेगें?
महंत नरेंद्र गिरी की आत्महत्या के बाद उत्तरप्रदेश में डबल इंजन की हिन्दुत्व सरकार पर सवाल उठ रहे है कि साधु संत की समस्याओं का निराकरण भी मोदी योगी की सरकार नही कर पा रही है, जिससे भाजपा को कोर हिन्दुत्व का एजेंडा को भी नुक्सान पहुंचा है वही दूसरी तरफ किसान आंदोलन ने भी योगी सरकार की परेशानियों में लगातार इजाफा ही कर रही है। किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 140 से ज्यादा सीट नही आयेगी। किसान नेता ने पंचायत चुनाव का हवाला देते हुए बताया कि उन्हें कितनी सीटे मिली थी। जिला पंचायत चुनाव में डरा धमकाकर वोट लिया गया है। गौरतलब है कि मुजफ्फपुर में आयोजित किसान पंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने मंच से अल्ला हो अकबर और हर हर महादेव के नारे लगा कर भाजपा के हिन्दुत्व एजेंडा की हवा निकालने का प्रयास किया, जिसकी भरपाई करने के लिए ओवैसी ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव का धु्रवीकरण करने के लिए मुस्लिमों की हितों का हवाला देकर चुनाव लडऩे का फैसला लिया, जिस पर भी राकेश टिकैत ने कहा था कि योगी सरकार के चचाजान आ गये है उन्हें अब कोई हरा नही सकता है। जिस तरह से उत्तरप्रदेश चुनाव के पूर्व ही भाजपा के धु्रवीकरण की राजनीति की हवा निकालने की प्रयास किसान नेताओं की तरह बगंाल चुनाव की तरह किये जा रहे है उससे कही ना कही योगी सरकार व मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि योगी सरकार की सत्ता वापसी सिर्फ और सिर्फ हिन्दुत्व के मुद्दे पर हो सकती है अगर यह मुद्दा कमजोर हुआ तो योगी सरकार की सत्ता वापसी की मुश्किलें भी बढ़ जायेगी। महंत नरेंद्र गिरी की आत्महत्या से पहले ही योगी सरकार की नींद उड़ा दी है, जिसकों देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोषियों को सजा दिलाने का वादा कर रहे है लेकिन देश की जनता को इस बात का आभाष है कि बचे कुछ महीनों में एसआईटी की जांच तक पूरी नही हो पायेगी तो सजा किसकों दिलायेगें।